Watch: सुभासपा की जनसभा में टूटा मंच, बाल-बाल बचे ओम प्रकाश , कार्यकर्ता गिरे नीचे
OP Rajbhar Stage Collapsed: इस जनसभा के दौरान जब मंच गिरा था तब पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर के साथ ही उनके पुत्र अरुण राजभर भी मंच पर बैठे हुए थे.
Om Prakash Rajbhar News: सुहेलदेव बीजेपी की हुमायूंपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर उस समय बाल-बाल बच गए जब मंच के पीछे का हिस्सा अचानक से गिर गया. वहीं इस दौरान मंच पर पीछे खड़े कई समर्थक नीचे गिर गए जिन्हें हल्की-फुल्की की चोट भी आईं. जब मंच गिरा था तब पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर के साथ ही उनके पुत्र अरुण राजभर भी मंच पर बैठे हुए थे.
कार्यक्रम को सपा से सुभासपा में आये सुनील राजवंशी ने आयोजित किया था, मंच को तख्त और मेजों से बनाया गया था, जिस समय हादसा हुआ उस समय मंच पर ओमप्रकाश राजभर वैठे थे. पीछे 10 समर्थक खड़े थे. मंच के मेज वाला हिस्सा अचानक टूट गया और 4 फिट नीचे जाकर गिरा. गिरने वालों को हल्की-फुल्की चोट आई. इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने जनसभा को संबोधित किया.दरअसल, उत्तर प्रदेश के हुमायूंपुर एक जनसभा आयोजित किया गया था. इस समारोह में शामिल होने ओपी राजभर भी पहुंचे थे. जनसभा के दौरान मंच पर ओपी राजभर के सात पार्टी के कई और नेता भी मौजूद थे. तो वहीं कुछ नेता और पार्टी के कार्यकर्ता मंच के पीछे खड़े थे. तभी अचानक से मंच टूट गया. मंच गिरने से सभास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
बिहार की सियासी हलचल पर क्या बोले ओपी राजभर
बता दें कि ओपी राजभर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. वह आए दिन राजनेताओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं. ओपी राजभर बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने बिहार की सियासी हलचल पर कहा था कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इंडिया गठबंधन ठगबंधन का मेल है. इसमें सभी पार्टियों अपने-अपने हित के लिए जुड़ी हैं ना कि सामाजिक हित के लिए. आने वाले कुछ ही दिनों में और भी तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी.
सुभासपा की जनसभा के दौरान मंच गिरा, बाल -बाल बच्चे ओमप्रकाश राजभर मंच पर खड़े समर्थक नीचे गिरे सीतापुर के हुमायूंपुर में थी सुभासपा की विशाल जनसभा... pic.twitter.com/ROc8PQGU39
— Pankaj Singh Gaur (@pankajsinghgaur) January 28, 2024
वहीं सुभासपा प्रमुख ने आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा था कि इन पार्टियों को पता है कि वह दूसरे राज्यों में वहां की क्षेत्रीय पार्टियों को वोट नहीं दिलवा पाएंगी. इसलिए उन्होंने एनडीए के खिलाफ अकेले लड़ने का फैसला किया है. उदाहरण के तौर पर ममता बनर्जी जानती हैं कि वह अखिलेश यादव के लिए उत्तर प्रदेश में कुछ भी नहीं कर पाएंगी. इसलिए वह गठबंधन से अलग होकर ही चुनाव लड़ रही हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में हम सभी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और बड़ी जीत हासिल करेंगे.
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