Scam in Lucknow: राजधानी में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना की रकम हड़पने का बड़ा मामला सामने आया है. यहां सरोजनीनगर तहसील के बंथरा इलाके में दलालों ने भोली-भाली महिलाओं से आधार कार्ड और बैंक खाते का नंबर लेकर उनके पति के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए और सरकार की तरफ से मिलने वाली 30 हज़ार रुपये की मदद खातों में भेज दी. इसके बाद महिलाओं से 15 से 20 हज़ार रुपये दलालों ने खुद वसूल लिए. मामले की जानकारी होने पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए. समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव के रविंद्र नायक ने मामले की जांच कराने की बात कही है. आशंका है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा अन्य जनपदों में भी चल रहा होगा.
पति जिंदा फिर भी बना दिया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में गरीब परिवार के 60 साल से कम उम्र के कमाऊ मुखिया की मौत पर सरकार की तरफ से एकमुश्त 30 हज़ार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है. बंथरा में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और दलालों की मिलीभगत से कई ऐसी महिलाएं, जिनके पति जीवित हैं, उनके फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर रकम डकार ली गई. जानकारी के मुताबिक दलालों ने गांव की महिलाओं को बीमारी के नाम पर सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन देते हुए उनके आधार कार्ड और बैंक खातों की पासबुक मांगी. इसके बाद महिलाओं के पति के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में आवेदन कर दिया. समाज कल्याण विभाग ने दस्तावेजों की जांच के बाद महिलाओं के खातों में 30-30 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद भी भेज दी. खातों में रुपया आते ही दलालों ने महिलाओं से संपर्क कर 15 से 20 हज़ार रुपये तक वसूल लिए. अब तक बंथरा में 21 ऐसी महिलाएं मिली हैं जिनके पति जीवित हैं लेकिन उन्हें राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना की रकम मिली है.
अन्य जिलों में भी घपले
राजधानी लखनऊ के अलावा चित्रकूट, गोरखपुर और कानपुर में भी राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में घपले सामने आए थे. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के अन्य जनपदों में भी इस तरह की गड़बड़ियां हो सकती हैं.
बंथरा में बीते 2 साल में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत रंजना, वंदना, ज्योति, काजल, मुन्नी, शशि, सुनीता, मिलन देवी, संगीता शर्मा, राजकुमारी, रेखा समेत अन्य महिलाओं के पति को मृत घोषित कर उनके खाते में रुपए भेजे गए हैं.
पीड़ितों को जानकारी ही नहीं
एबीपी गंगा की टीम ने बंथरा जाकर उन महिलाओं और पुरुषों से संपर्क किया जिनके खाते में रुपए आए हैं या जिन पुरुषों को मृत घोषित किया गया है. महिलाओं और पुरुषों का कहना था कि, उन्हें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. दलालों ने उनसे बीमारी के लिए सरकार की तरफ से रुपया भेजने की बात कहकर उनका आधार कार्ड और बैंक खाता संख्या ली थी. उन्होंने किसी कागज या फार्म पर हस्ताक्षर भी नहीं किए हैं. वहीं, ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि का कहना है कि दलालों ने ऑनलाइन की जगह मैनुअल मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर यह खेल किया है. मृत्यु प्रमाणपत्र में ग्राम प्रधान, और पंचायत सचिव समेत अन्य लोगों के हस्ताक्षर भी फर्जी बनाए गए हैं, प्रमाणपत्रों पर मुहर भी फर्जी लगी है.
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