बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में धान खरीद में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां तीन करोड़ के धान की खरीद कागजों में दिखा दी गई. ये मामला जब अधिकारियो के संज्ञान में आया तो हड़कंप मच गया. पूरे प्रकरण की जांच करवाई गई और रिपोर्ट के आधार पर दो सेंटर प्रभारियों के खिलाफ डिप्टी आरएमओ ने नबाबगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई.
कागजों पर चल रहा था धान खरीद केंद्र
नवाबगंज तहसील के मधुनगला और किशनपुर गांव में बने धान क्रय केंद्रों की हमारे संवाददाता अनूप मिश्रा ने रियल्टी चेक की, तो पता चला गांव वालों को तो पता ही नहीं था कि उनके गांव में कोई सेंटर भी है. सेंटर सिर्फ कागजों में ही चल रहे थे और कागजो में ही 12 हजार कुंतल धान की खरीद दिखा दी गई. जबकि किसानो ने गांव से काफी दूर बने सेंटरों पर जाकर 11 सौ रुपये और 1000 रुपये प्रति कुंतल में अपना धान बेचा. दरअसल ये धान सेंटर कांग्रेस नेता हरीश गंगवार के हैं, ये वही कांग्रेस है जो किसानो के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार को घेरने का काम कर रही है, लेकिन उन्हीं के पार्टी के नेता किसानों के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ो रुपये डकार रहे हैं.
दर्ज की गई एफआईआर
मजे की बात ये थी कि किसानों के साथ धोखा हो रहा था, सेंटर प्रभारी अपनी जेब भर रहे थे लेकिन किसी भी अधिकारी को इसकी जानकारी तक नहीं थी. जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की, तब जाकर इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ. आरएमओ राम मूर्ति वर्मा ने बताया कि डिप्टी आरएमओ सुनील कुमार ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की. किसानों से बात की. मौके पर जाकर देखा तो वहां कांटा तक नहीं लगा था. जिसके बाद फर्जी धान खरीद मामले में आदर्श एग्रो टेक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड नवाबगंज के सचिव जगदीश सरन गंगवार और शुभ कीर्ति प्रोड्यूशर कंपनी के हरीश गंगवार के खिलाफ नवाबगंज थाने में आईपीसी की धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई. बरेली मंडल में 24 एफआईआर अभी तक दर्ज करवाई जा चुकी हैं.
गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बरेली मंडल को आरएफसी को सस्पेंड भी कर चुके हैं, बावजूद इसके व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं हुआ.
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