जालौन, एजेंसी। उत्तर प्रदेश के माधवगढ़ क्षेत्र का एक निजी स्कूल खुला पाए जाने के बाद उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. हालांकि कोरोनावायरस महामारी के कारण उत्तर प्रदेश में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. स्कूल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें 40 बच्चों की एक कक्षा में पढ़ाई हो रही है.


बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) प्रेम चंद ने कहा, "सरकार ने स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी है. हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और दोषी पाए जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. स्कूल के प्रिंसिपल और मालिक कानूनी कार्रवाई का भी सामना करेंगे." इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वीडियो में किसी भी छात्र ने फेस मास्क का उपयोग नहीं किया है.


बीएसए ने कहा, "इस बात की भी जांच की जा रही है कि कक्षाएं आयोजित की जा रही थीं या कोचिंग कक्षाएं. दोनों ही मामलों में कार्रवाई की जाएगी।" कोरोनावायरस महामारी के प्रसार मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है और अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं.


गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे. फिलहाल स्कूल खोले जाने की संभावना नहीं है, इसलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का विकल्प ही जारी रखा गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने स्कूली छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. यह दिशानिर्देश इंटरनेट के अभाव में भी छात्रों की लर्निग बेहतर करने का काम करेंगे.


ये दिशानिर्देश तीन प्रकार की स्थितियों के लिए सुझाए गए हैं. सबसे पहले, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन नहीं है. दूसरे, जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं. अंत में, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं. यानी जहां छात्रों को अभी घर पर ही ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है, वहां यह तरीका बरकरार रहेगा. जिनके पास ऑनलाइन साधन उपलब्ध नहीं है उन्हें अन्य वैकल्पिक माध्यमों से शिक्षा प्रदान की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि फिलहाल स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है.


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