School Open In Gorakhpur: बारिश के बीच क्लास 6 से 8 तक के स्कूल खुले, कोविड-19 के नियमों का रखा जा रहा है खास ख्याल
Gorakhpur School Open: गोरखपुर में बारिश के बीच आज क्लास 6 से 8 तक के स्कूल खुल गये. हालांकि इस दौरान बच्चों की संख्या कम ही रही. कई अभिभावकों में कोरोना के लेकर भय है.
School Open in Gorakhpur: वैश्विक महामारी कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर के बाद एक बार फिर कक्षा 6 से 8वीं तक के स्कूल खुल गए हैं. सरकार ने कोविड-19 की गाइडलाइंस (COVID-19 Guideline) के पालन के साथ स्कूल को खोलने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, क्लास 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 16 अगस्त से ही खुल गए हैं. इसके साथ ही एक सितंबर से 1 से लेकर 5 तक के स्कूल भी खुल जाएंगे. स्कूल-कालेजों की ओर से कोविड-19 के प्रोटोकाल का भी सख्ती से पालन किया जा रहा है.
50 फीसदी बच्चे ही बुलाए जाएंगे
यूपी में 24 अगस्त को क्लास 6 से 8 तक के बच्चों के भी स्कूल आने का सिलसिला शुरू हो गया है. हालांकि, 50 प्रतिशत बच्चों को दो पालियों सुबह 8 बजे से 12 बजे और अपराह्न 12.30 बजे से 4.30 बजे तक आने के निर्देश हैं. जिन स्कूलों की संख्या कम है, वहां पर एक पाली में ही सुविधानुसार कोविड-19 के नियमों के पालने के साथ स्कूलों को संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं. गोरखपुर में भी बारिश के बीच स्कूल खुले, तो क्लास 6 से 8 तक के बच्चों के स्कूल आने का सिलसिला भी शुरू हो गया.
हालांकि, बारिश की वजह से बच्चों की संख्या 25 प्रतिशत ही दिख रही है. इसके अलावा बहुत से अभिभावक ऐसे भी हैं, जो बच्चों को कोरोना के डर से स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. वे बच्चों को घर पर ही आनलाइन क्लास कराना ज्यादा अच्छा समझ रहे हैं. काफी संख्सा में अभिभावक और बच्चे स्कूल आने को ही सही मानते हैं. गोरखपुर के सिविल लाइन्स स्थित एचपी चिल्ड्रेंस एकेडमी में सुबह 7.30 बजे से ही बच्चों के आने का सिलसिला शुरू हो गया. स्कूल के गेट पर ही बच्चों का थर्मल स्कैनिंग के साथ ही उनका हाथ सेनेटाइज कराया जा रहा है.
ऑफलाइन में ज्यादा समझ में आता है
एचपी चिल्ड्रेंस एकेडमी के क्लास 6 की स्टूडेंट फातिमा हाशमी ने बताया कि, वे स्कूल आकर आफलाइन क्लास को अधिक सही मानती हैं. उनका कहना है कि आफलाइन क्लास में सीधे टीचर से पढ़ने पर अधिक अच्छे से सब्जेक्ट समझ में आते हैं. आनलाइन क्लासेज में थोड़ी परेशानी होती रही है. उनके अभिभावक की भी स्कूल आकर पढ़ने में सहमति है. वे लोग स्कूल की ओर से बताए गए कोविड-19 के नियमों का सख्ती के साथ पालन कर रहे हैं. मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रख रहे हैं. इसके साथ ही सैनेटाइजर भी प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल आकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है.
बच्चे कोविड नियमों का कर रहे हैं पालन
एचपी चिल्ड्रेंस एकेडमी की 6 क्लास की स्टूडेंट स्टूडेंट भाव्या अग्रवाल ने बताया कि वे लोग कोविड-19 के नियमों का पालन कर रहे हैं. क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने के अलावा मास्क और सेनेटाइजर का भी प्रयोग कर रहे हैं. उन्हें लंच भी किसी से शेयर नहीं करने के लिए निर्देशित किया गया है. 50 प्रतिशत बच्चों को ही आने के लिए कहा गया है. स्कूल आने और यहां पर क्लास करने से काफी अच्छा लग रहा है. उन्होंने बताया कि, आनलाइन में कुछ लेसन ठीक से समझ में नहीं आते हैं. यहां आकर आफलाइन क्लास में वो अच्छे से कंठस्थ हो जाते हैं. अभी उनकी हिन्दी की क्लास चल रही है.
एचपी चिल्ड्रेंस एकेडमी के क्लास 6 के स्टूडेंट आयुष बताते हैं कि उन्हें स्कूल आकर काफी अच्छा लग रहा है. स्कूल और क्लास में कोविड-19 के नियमों का पालन किया जा रहा है. मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर का भी प्रयोग हो रहा है. इसके साथ ही गेट पर थर्मल स्कैनिंग भी हो रही है. क्लासमेट से मुलाकात कर काफी अच्छा लग रहा है. वे लोग ग्लब भी पहन रहे हैं. वे हिन्दी पढ़ रहे हैं. आनलाइन क्लासेज से अच्छा स्कूल आकर पढ़ना ज्यादा अच्छा लग रहा है. माता-पिता भी स्कूल आकर क्लास करने से खुश हैं. मोहम्मद एहनराना ने बताया कि उन्हें स्कूल आकर काफी अच्छा लग रहा है. वे 6 सी के स्टूडेंट हैं. कोविड-19 के नियमों का पालन सख्ती से हो रहा है. आफलाइन क्लास में फेस-टू-फेस नहीं पढ़ पाते रहे हैं. आफलाइन में फेस टू फेस पढ़ने पर अधिक अच्छा लग रहा है. वे हिन्दी की क्लास में हैं. उनके अभिभावक भी उनके स्कूल आने को लेकर सहमत हैं.
गोरखपुर के सिविल लाइन्स स्थित एचपी चिल्ड्रेंस एकेडमी की प्रिंसिपल अनुजा श्रीवास्तव बताती हैं कि बहुत दिनोंके बाद स्कूल खोलने का मौका मिला है. सरकार की ओर से कोविड-19 की गाइड लाइन के सख्ती से पालन के साथ क्लास 6 से 8वीं तक के बच्चों को बुलाया गया है. 50 प्रतिशत बच्चों को ही बुलाने के निर्देश हैं. टीचर्स के साथ बच्चे और अभिभावक दोनों ही स्कूल आने के पक्ष में हैं. उनके स्कूल में क्लास 6 से लेकर 12 तक 900 बच्चे हैं. क्लास 6 से 8 तक के 50 प्रतिशत बच्चों को ही आने की परमीशन दी गई है. संख्या कम होने की वजह से एक ही पाली में बच्चों को एक दिन गैप करके बुलाया जा रहा है. मास्क, सेनेटाइजर के साथ सोशल डिस्टेंसिंग और थर्मल स्कैनिंग का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. स्कूल में एक नर्स और तबियत खराब होने पर सिक (बीमार महसूस करने वाले बच्चों के आराम के लिए) रूम भी बनाया गया है.
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