प्रयागराज: तकरीबन सात महीने के बाद यूपी में माध्यमिक शिक्षा के स्कूल-कॉलेज 19 अक्टूबर से खुलने जा रहे हैं. हालांकि अभी सिर्फ नौवीं से 12वीं क्लास के वही स्टूडेंट्स स्कूल आकर पढ़ाई कर सकेंगे, जिनके अभिभावक उन्हें कालेज आने की लिखित मंजूरी देंगे.


कोविड-19 की महामारी के बीच स्कूल-कॉलेजों ने जहां 19 अक्टूबर से शुरू हो रही कक्षाओं की तैयारियां पूरी करते हुए सभी जरूरी एहतियाती कदम उठा लिए हैं, तो वहीं तकरीबन दो तिहाई अभिभावक अभी अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजने को कतई तैयार नहीं हैं. ज्यादातर अभिभावकों का कहना है कि उनके लिए बच्चों की पढ़ाई से ज़्यादा महत्वपूर्ण उनकी सुरक्षा है, इसलिए वह पूरी संतुष्टि के बाद ही अपने बच्चे को स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजेंगे.


वैसे प्रयागराज के स्कूल कॉलेजों ने सात महीने बाद स्कूल फिर से खुलने को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां की है. शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस के ज्वाला देवी इंटर कालेज में नौवीं से 12वीं क्लास तक की सभी कक्षाओं को आज सैनिटाइज किया गया. यहां दो पालियों में क्लास चलेंगीं तो साथ ही साठ से सत्तर की क्षमता वाले क्लास रूम्स में अधिकतम तीस स्टूडेंट्स ही बिठाए जाएंगे. हर बच्चे के लिए मास्क ज़रूरी होगा. ज़रूरतमंद स्टूडेंट्स को स्कूल से भी मास्क दिए जाएंगे. हर क्लास के गेट पर सेनेटाइजर के इंतजाम रहेंगे. सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराया जाएगा.


राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विंग विद्या भारती द्वारा संचालित स्कूल में किए जा रहे इंतजामों के बारे में प्रदेश निरीक्षक राम जी सिंह के मुताबिक़ सभी क्लास का ऑनलाइन प्रसारण भी होगा, ताकि स्कूल न आ पाने वाले बच्चे घर बैठे पढ़ाई कर सकें.


कॉलेज के उप प्राचार्य दिनेश यादव ने बताया कि स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, फिर भी तमाम अभिभावक हिचक रहे हैं. इस स्कूल में तकरीबन पचास फीसदी से ज़्यादा अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति दे दी है, लेकिन ज़्यादातर स्कूलों में पचीस से पैंतीस फीसदी अभिभावक ही अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजने को तैयार हैं.


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