प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। संगम के शहर प्रयागराज में कई लाख लोग बाढ़ की तबाही का शिकार हुए हैं। यहां हजारों की संख्या में लोग घर बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण ले रहे हैं, तो बड़ी तादात में लोग टापू बन चुके अपने घरों की ऊपरी मंजिल पर कैद रहने को मजबूर हैं। सरकारी अमला ऐसे मुश्किल वक्त में लोगों की मदद करने के बजाय उनके जख्मों पर नमक छिड़क रहा है। उनकी परेशानी का मजाक उड़ा रहा है और सरकारी राहत सामाग्री को खैरात व दान बताकर उन्हें सरेआम बेइज्जत भी कर रहा है।
बाढ़ पीड़ितों को खाने -पीने की राहत सामाग्री बांटने पहुंचे अफसरों मदद को दान व खैरात बताकर लोगों को उसे न लेने के लिए उकसा रहे हैं। अफसर सरेआम कह रहे हैं कि यह राहत सामग्री दान की तरह है, जिसे सिर्फ दरिद्रों को ही लेना चाहिए। जो लोग खुद को दरिद्र समझते हैं, वह झोला लेकर बमुश्किल सौ रूपये की यह राहत सामाग्री लेने के लिए हाथ फैला सकते हैं। अफसरों के इस रवैये से बाढ़ पीड़ितों में जबरदस्त नाराजगी है और वह इसे अपनी बेइज्जती बता रहे है।
इसी तरह का एक वाकया बृहस्पतिवार की शाम को शहर के करेली इलाके की गौस नगर कालोनी में देखने को मिला। इस कालोनी की गलियों में भी बाढ़ का पानी सात से आठ फिट ऊंचाई तक भरा हुआ है और वहां नावें चल रही हैं। शाम को यहां डिप्टी कलेक्टर यानी एसडीएम लेवल के अफसर जवाहर लाल श्रीवास्तव नाव पर कुछ राहत सामाग्री लेकर उसे बाढ़ पीड़ितों में बांटने के लिए पहुंचे। यहां करीब पांच सौ से ज्यादा ऐसे बाढ़ पीड़ित परिवार हैं, जो टापू बन चुके घरों में भी ऊपरी मंजिल पर रह रहे हैं। एसीएम थ्री के पद पर तैनात डिप्टी कलेक्टर जवाहर श्रीवास्तव नाव पर सिर्फ 50-60 पैकेट के साथ ही यहां नाव से पहुंचे थे।
यहां एक मकान की दूसरी मंजिल पर खड़ी महिलाओं ने जब पानी व बिस्किट वाली सरकारी राहत सामाग्री अपने लिए भी मांगी, तो डिप्टी कलेक्टर ने उन्हें देने से मना कर दिया और साफ तौर पर कहा कि यह राहत सामाग्री दान की तरह बांटी जा रही है। उन्होंने यह भी दलील दी कि इस तरह का दान सिर्फ दरिद्रों व बेहद गरीब लोगों को ही लेना चाहिए। महिलाओं ने जब खुद के भी बाढ़ पीड़ित होने का हवाला दिया, तो डिप्टी कलेक्टर जवाहर श्रीवास्तव ने उन्हें अपमानित करने वाले अंदाज में कहा कि अगर वह लोग खुद को दरिद्र समझ रही हैं, तो झोला लेकर आ सकती हैं। उन्हें दरिद्र समझकर बिस्किट, पानी व कुछ दूसरे सामान दे दिए जाएंगे।
इस पर महिलाएं बिफर गईं और उन्होंने कुछ भी लेने से मना कर दिया। डिप्टी कलेक्टर जवाहर को इसके बाद भी अपनी गलती का एहसास नहीं हुआ और उन्होंने तुनक मिजाजी दिखाते हुए नाव आगे ले जाने को कहा। डिप्टी कलेक्टर की यह गलतबयानी कैमरे में कैद हो गई है। हालांकि, आरोप है कि उन्होंने तमाम दूसरे लोगों के साथ भी इसी तरह का सलूक करते हुए उन्हें अपमानित किया है।
प्रयागराज में बृहस्पतिवार को पहले दिन सरकारी राहत सामाग्री बांटी गई। वह भी तब जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बाढ़ को लेकर अफसरों को निर्देश दिए और सीएम योगी के प्रयागराज आने का कार्यक्रम तय हुआ। इसके बावजूद अफसरों का रवैया यह बताने के लिए काफी है कि प्रयागराज का सरकारी अमला किस तरह बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहा है।
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