चमोली. उत्तराखंड के चमोली जिले में आई त्रासदी के बाद गुरुवार को तीन और शव बरामद किए गये. इसके साथ ही अब तक 61 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. त्रासदी के 13वें दिन भी प्रभावित इलाकों में खोज अभियान चलाया जा रहा है. खोज अभियान के लिए डॉग स्क्वॉड, दूरबीन, राफ्ट और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि तपोवन परियोजना की सुरंग के अंदर और रैणी गांव क्षेत्र में चलाए जा रहे दो बचाव अभियानों में अब तक कुल 61 शव बरामद किए जा चुके हैं. इसके अलावा 28 मानव अंग भी मिले हैं.
तपोवन टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
वहीं, तपोवन सुरंग में भी रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. हालांकि, सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित हो रहा है. हालांकि, डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक कि सुरंग के अंदर आखिरी व्यक्ति या पार्थिव शरीर नहीं मिल जाता. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, "भारी कीचड़ की मौजूदगी और अत्यधिक सावधानी के साथ शवों को बाहर निकालने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों के साथ ऑपरेशन धीमी गति से चल रहा है."
सुरंग के अंदर मिले 13 शव
तपोवन सुरंग से अब तक 13 शवों को बरामद किया जा चुका है. कई दिन बीत जाने के कारण सुरंग में फंसे लोगों के जिंदा होने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं. अभी भी अंदर फंसे लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. बचावकर्मी दो जगहों पर काम कर रहे हैं. एक दल सुरंग के अंदर बचाव अभियान में जुटा है तो दूसरा दल रैणी गांव में ऋषिगंगा परियोजना के अवशेषों पर के पास अभियान में लगा है. रैणी गांव के पास बचाव अभियान में स्निफर कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
विपरीत परिस्थितियों के बीच कई दिन खुदाई करने के बाद बचाव कार्य में लगी सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने सुरंग का एक हिस्सा खोलने में कामयाबी पाई है.
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