गोरखपुर, एबीपी गंगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में 72 घंटे में दूसरा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। दूसरा कोरोना पॉजिटिव मरीज महिला है। उसके पिता का लिवर के संक्रमण के बाद से ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था। लिवर की समस्या से ग्रसित शख्स पत्नी, दो पुत्रियों और तीन साल के पोते के साथ 23 हजार रुपए में एंबुलेंस बुक करके गोरखपुर पहुंचा था।
गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने बताया कि बांसगांव के भैंसा रानी गांव का रहने वाला चित्रकूट अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली में था। वह सफदरजंग इलाके में कपड़ा धुलाई का काम करता है। लिवर में संक्रमण की वजह से उसका दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था। लॉकडाउन में उसने 23 हजार रुपये में प्राइवेट एंबुलेंस तय की और अपनी पत्नी, दो बेटी संगीता (35) और सरिता (32) और तीन साल के नाती के साथ अपने गांव बांसगांव थाना के भैंसारानी गांव 29 अप्रैल को पहुंच गया।
पुलिस के आलाधिकारियों के माध्यम से उसे सीधे अस्पताल ले जाया गया। वहां पर परिवार को क्वारंटीन करने के बाद सबकी जांच के लिए नमूना लिया गया था। उन्होंने बताया कि चित्रकूट के साथ आई उसकी बेटी यानी 35 वर्षीय महिला को पॉजिटिव पाया गया है। इसके पहले दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से लिवर के संक्रमण का इलाज कराकर एंबुलेंस से 26 अप्रैल को गोरखपुर के उरुवा इलाके के हाटा बुजुर्ग के असिलाभार गांव पहुंचा शख्स जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
टोल और शहर की सीमा पर तैनात पुलिसकर्मियों और चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी बाहर से आने वाली एंबुलेंस को सीधे गांव नहीं भेजेंगे। उन्हें सीधे क्वारंटीन सेंटर में तब्दील किए गए टीवी अस्पताल भेजा जा रहा है। देर रात बीआरडी मेडिकल कालेज में संगीता की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से हड़कंप मच गया है।
रविवार को ही हाटा-बुजुर्ग निवासी बाबूलाल दिल्ली से सफदरजंग से इलाज कराकर एम्बुलेंस से लौटा है। उसी दिन जांच में कोरोना की तस्दीक हुई। इसके बाद सोमवार को प्रशासन ने एक दारोगा और दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया। प्रशासन ने आदेश दिया कि अब बगैर जांच कोई एम्बुलेंस जिले में एंट्री नहीं करेगी।