Ayodhya: राम मंदिर निर्माण का सबसे मुश्किल काम जारी, मौसम और तापमान की है अहम भूमिका
राम जन्मभूमि मंदिर के दूसरे चरण का काम 15 नवंबर तक पूरा हो जाएगा. फिलहाल राम जन्मभूमि मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण और जटिल कार्य किया जा रहा है.
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दूसरे चरण का काम 15 नवंबर तक पूरा हो जाएगा. मौजूदा समय मे राफ्टिंग का वह कार्य चल रहा है जो सिर्फ रात में ही होता है, इसी के बाद मंदिर की 6 फीट ऊंची फर्श का कार्य शुरू होगा. इसके लिए पहले मंदिर के चारों तरफ ग्रेनाइट की 6 फीट ऊंची दीवार खड़ी की जाएगी जो बलुआ पत्थरों के मुकाबले अधिक ठोस और डेंसिटी अधिक होती है. दीवार खड़ी होने के बाद उसके अंदर मिर्जापुर के पत्थर भरे जाएंगे जिससे राम मंदिर की फर्श का पूरा फाउंडेशन तैयार किया जाएगा. इसके बाद मूल मंदिर का निर्माण अप्रैल 2022 से शुरू हो जाएगा. 2023 में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का कार्य पूरा हो जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूजन भी शुरू हो जाएगा जबकि 2025 में भव्य और दिव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और उस समय तक अयोध्या की तस्वीर और तकदीर भी बदल जाएगी.
अभी हो रहा है सबसे जटिल कार्य
मौजूदा समय में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण और जटिल कार्य किया जा रहा है जिसमें मौसम और तापमान की बड़ी भूमिका होती है. इस समय राफ्टिंग का कार्य चल रहा है इसको 17 हिस्सों में बांटा गया है. सबसे मुश्किल यह है कि दिन में काम नहीं हो पाता है. उसको 25 डिग्री सेल्सियस से कम का तापमान चाहिए जो रात्रि को ही मिल पाता है.
क्या कहते हैं महासचिव चंपत राय?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर का कार्य तेज गति से चल रहा है. मिट्टी की मजबूती कर दी गई है इसे नीव का पहला चरण कहते हैं. सही में यह लैंड इंप्रूवमेंट है जिसमें लगभग 1 लाख 80 हजार घनफुट खराब मिट्टी को हटाकर प्लेन कंक्रीट भरी गयी है उसको सड़क पर चलने वाले रोलर से दबाया गया है. 98 प्रतिशत डेंसिटी निकाली गई. यह बहुत ही उच्च कोटि कंक्रीट है. ऊपर पानी डाल देंगे तो पानी अंदर नहीं जाएगा. धूप के कारण वापस चला जाएगा. फाउंडेशन का दूसरा चरण प्रारंभ हो गया है. दूसरे चरण में 17 रात काम होना है. दिन में काम नहीं हो पाएगा उसको 25 डिग्री सेल्सियस से कम का तापमान चाहिए जो रात्रि को ही मिल पाता है. हम कहेंगे फाउंडेशन तैयार है हमें उम्मीद है हम यह कार्य 15 नवंबर के आस पास पूरा कर लेंगे.
चंपत राय ने यह भी बताया कि मंदिर की 6 फीट ऊंची फर्श का निर्माण शुरू होगा उसमें ग्रेनाइट लगेगा. उसमें मिर्जापुर के चुनार का सैंड स्टोन लगेगा जो आ रहा है. अभी 3 महीने वर्षा काल में बाधा थी खदानों के अंदर बिजली की आपूर्ति में बाधा यह तो प्राकृतिक बाधा थी अब दूर हुई है इससे गति बढ़ जाएगी और बहुत जल्दी कार्य पूरा हो जाएगा. हमें लगता है मूल मंदिर का निर्माण हम अप्रैल से शुरू कर देंगे. मंदिर के निर्माण की गति से पूरे देश को संतुष्ट रहना चाहिए.
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