आगरा, नितिन उपाध्याय। कश्मीर की जेल से केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किए गए 30 बंदी हाई सिक्योरिटी सेल में एक साथ रहने के बावजूद आपस में बातचीत नहीं कर सकेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 30 अलगाववादी आगरा सेंट्रल जेल शिफ्ट किये गए हैं। उन्हें सेल से 10 से 20 मिनट के लिए ही बाहर निकाला जाएगा। केंद्रीय कारागार में हाई सिक्योरिटी सेल में 30 बंदियों को रखने की ही क्षमता है।


जम्मू-कश्मीर से शिफ्ट किए गए बंदियों को जिन सेल में रखा गया है, वहां पर परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। हाई सिक्योरिटी सेल तक बंदी रक्षक भी अकेले नहीं जा सकेंगे। वह किसी अधिकारी की उपस्थिति में ही सेल तक जाएंगे। बंदियों को शिफ्ट करने के बाद जेल की चहारदीवारी के बाहर की सुरक्षा व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है। आसपास लगी तारों की बाड़ को सही कराया गया। इसके अलावा चहारदीवारी के बाहर झाडियां उग आई थीं उन्हें भी साफ करा दिया गया है। केंद्रीय कारागार के बाहर डेरा डाले पीएसी जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है। एक कंपनी पीएसी की गारद बढ़ाई गई है। जवानों को किसी भी संदिग्धों को परिसर के आसपास नहीं फटकने देने के निर्देश हैं।


कैलाशपुरी से केंद्रीय कारागार की ओर आने पर पहला बैरियर पड़ता है। यहां पर बंदी रक्षक तैनात रहता है। अब तक स्टाफ के वाहन भी बेरोक-टोक निकलते थे। जम्मू-कश्मीर के बंदियों को शिफ्ट करने के बाद वाहनों को पहले बैरियर पर ही रोक दिया जा रहा है। स्टाफ के वाहनों को भी सघन चेकिंग के बाद ही कारागार की ओर आने दिया जाएगा।