28 साल बाद अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस पर फैसला, कई जिलों में अलर्ट, रामनगरी में सुरक्षा कड़ी
यूपी के कई जिलों में पीएसी की कंपनियां तैनात की गई है. सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़ के अलावा कई संवेदनशील जिलों में पीएसी और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
लखनऊ. अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी के विवादित ढांचे को गिराए जाने के मामले में लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट आज फैसला सुनाएगी. 28 साल के लंबे इंतजार के बाद आज फैसले की घड़ी है. ऐसे में रामनगरी अयोध्या समेत कई जिलों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. यूपी के कई जिलों में पीएसी की कंपनियां तैनात की गई है. सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़ के अलावा कई संवेदनशील जिलों में पीएसी और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
लखनऊ में पुलिस अधिकारियों ने संभाला मोर्चा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है. पुलिस अधिकारी यहां सादी वर्दी में तैनात रहेंगे. इसके अलावा सीबीआई कोर्ट परिसर का निरीक्षण भी किया गया है. कोर्ट के बाहर भी बैरिकेडिंग की गई है. राजधानी में पीएसी की तीन कंपनियां तैनात की गई है. वहीं, कुछ को रिजर्व मोड में रखा गया है.
रामनगरी में भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त फैसला आने से पहले रामनगरी अयोध्या में भी सुरक्षा सख्त कर दी गई है. यहां पहले से ही धारा 144 लगाई गई है. यहां भीड़ के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई है. पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. अयोध्या में प्रवेश करने वालों को कारण बताना होगा. बेवजह रामनगरी में घुसने की इजाजत नहीं है.
32 मुख्य आरोपियों पर आएगा फैसला बतादें कि इस मामले में कुल 49 आरोपी थे, जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है. कोर्ट बाकी बचे सभी 32 मुख्य आरोपियों पर फैसला सुनाएगा. कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को सुनवाई में व्यक्तिगत तौर पर शामिल होने को कहा है. हालांकि कोविड 19 की वजह से उम्रदराज और बीमार आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिलने की संभावना है.
ये हैं मुख्य आरोपी इस मामले में मुख्य आरोपियों में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, ब्रज भूषण शरण सिंह शामिल हैं. इनके अलावा महंत नृत्य गोपाल दास, चम्पत राय, साध्वी ऋतम्भरा, महंत धरमदास भी मुख्य आरोपियों में हैं.
इन आरोपियों का हुआ निधन बाल ठाकरे, अशोक सिंघल, आचार्य गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, महंत परमहंस दास, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि, बैकुंठ लाल शर्मा प्रेम, डॉ सतीश नागर, शिवसेना नेता मोरेश्वर साल्वे, तत्कालीन एसपी डीवी रे, विनोद कुमार वत्स, रामनारायण दास, हरगोबिंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास महात्यागी, रमेश प्रताप सिंह और विजयराजे सिंधिया ये वो आरोपी हैं जिनका निधन हो चुका है.
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