Uttarakhand News: उत्तराखंड की चर्चित आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार ने VRS के लिए दिया आवेदन, इस वजह से लिया ये फैसला
Senior IAS Manisha Panwar applied For VRS: वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार सुर्खियों में हैं. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड शासन से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सीनियर आईएएस अधिकारी ने वीआरएस के लिए उत्तराखंड सरकार को आवेदन दिया है. सेवा पूरी होने से भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ महिला अधिकारी चर्चा का विषय बन गई हैं. सूत्रों के मुताबिक आईएएस मनीषा पवार पिछले कई महीनों से बीमार चल रही हैं. वीआरएस के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है. बता दें कि मनीषा पवार 1990 बैच की तेज तर्रार और जुझारू आईएएस अधिकारी हैं.
महिला आईएएस अधिकारी पद क्यों छोड़ना चाहती हैं?
उत्तराखंड कैडर में बतौर अपर मुख्य सचिव पद पर सेवा दे रही मनीषा पवार के पास कई विभागों की भारी भरकम जिम्मेदारी है. उद्योग विभाग, श्रम विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, वर्ल्ड बैंक के सहयोग से चल रही योजनाओं का कार्यभार भी देख रही हैं. मनीषा पवार मेहनती और जुझारू आईएएस अधिकारी रही हैं. उन्होंने स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल एजुकेशन सहित महिला सशक्तिकरण विभाग का दायित्व संभाला है. साल 2019 में बेहतर गुड गवर्नेंस के लिए मनीषा पवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्मानित भी किया था.
मनीषा पवार के सेवाकाल पूरा होने में चार साल बाकी
गौरतलब है कि आईएएस मनीषा पवार के पति उमा कांत पवार भी उत्तराखंड में बतौर आईएएस सेवा दे चुके हैं. 2017 में उन्होंने भी 9 वर्षो की सेवा छोड़कर वीआरएस ले लिया था. वीआरएस लेने के कारण चर्चाओं में रहे थे. मनीषा पवार को उत्तराखंड की नौकरशाही में कड़कदार छवि वाला अधिकारी माना जाता है. 56 वर्षीय मनीषा पवार की सेवा अभी चार साल बाकी है. अपर मुख्य सचिव पद से प्रमोशन पाकर मनीषा पवार के मुख्य सचिव बनने की ज्यादा संभावना थी. ऐसे में बीमारी की वजह से नौकरी को अलविदा कहने का उन्होंने फैसला लिया है. अब देखना होगा धामी सरकार मनीषा पवार के आवेदन पर क्या विचार करती है.