प्रयागराज: बाहुबली मुख्तार अंसारी से जुडी बड़ी ख़बर सामने आई है. इसके मुताबिक, मुख़्तार को ज़्यादा दिनों तक बांदा जेल में नहीं रखा जाएगा. सुरक्षा कारणों से मुख्तार को बांदा जेल में रखने के पक्ष में पुलिस के अफसर नहीं हैं. अफसरों की टीम ने बांदा जेल के मुआयने के बाद शासन से मुख्तार को यहां की जेल में नहीं रखने की सिफारिश की है.


रिपोर्ट के मुताबिक, बांदा जेल में कोई हाई सिक्योरिटी बैरक नहीं है. जेल में अभी कोई स्पेशल बैरक भी नहीं है जिसमे हाई प्रोफाइल अपराधी को रखा जा सके. बांदा जेल में वर्तमान में क्षमता से दो गुना ज़्यादा कैदी बंद हैं.


क्षमता से ज्यादा हैं कैदी


इसके अलावा बांदा जेल में गंभीर बीमारी वाले कैदियों के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स और अस्पताल भी नहीं हैं. बांदा जेल की क्षमता 567 कैदियों को रखने की है, जबकि इस समय वहां ग्यारह सौ के करीब कैदी बंद हैं.


यही नहीं, जेल की बाहरी सुरक्षा व्यवस्था भी बहुत भरोसे लायक नहीं है. वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मुख्तार को बांदा जेल में रखने के कत्तई पक्ष में नहीं है. नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर एक बड़े अधिकारी ने एबीपी न्यूज को शासन से सिफारिश की Exclusive जानकारी दी है.


जेल की व्यवस्थाओं से सरकारी अमला संतुष्ट नहीं है


मुख्तार के मामले की गंभीरता को देखते हुए बांदा जेल की सुरक्षा व्यवस्था से सरकारी अमला संतुष्ट नहीं है. वहीं, अफ़सरों की राय है कि, बांदा जेल में लाए जाने के बाद मुख्तार को किसी सेंट्रल जेल में ही रखा जाए. मुख्तार को लाने के मद्देनज़र बांदा जेल में कई व्यवस्थाओं में बदलाव भी कराया गया है. यहां लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया. इस बार बैरक नंबर 15 में मुख्तार को नहीं रखा जाएगा. पिछली बार मुख्तार अंसारी को इसी बैरक में रखा गया था.


सुरक्षा कारणों से अलग बैरक तैयार की जा रही है. कई बड़े अफसर बांदा जेल का मुआयना कर चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ मुख्तार को सबसे पहले बांदा जेल ही लाया जाना है. आगे किस जेल में रखा जाना है, इसका फैसला प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट को करना है. सरकारी अमला स्पेशल कोर्ट में मुख्तार को बांदा जेल में नहीं रखे जाने की सिफारिश कर सकता है.


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