अवैध संबंध, कत्ल और दो गज जमीन के नीचे से निकली लाश को मिला इंसाफ
अवैध संबंधों को लेकर गोरखपुर में कत्ल की सनसनीखेज कहानी सामने आई है। पति-पत्नी और वो की इस पूरी कहानी को पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे।
गोरखपुर, एबीपी गंगा। वो कयामत की रात थी पति-पत्नी के रिश्ते में 'वो' जो आ गया था। आखिरकार हुआ वही, जिसका किसी को अंदाजा भी नहीं था। अवैध संबंध में धोखे से दूसरे की पत्नी की गिरफ्त में पहुंचे प्रेमी का हुआ कत्ल और कब्रिस्तान में उसे हत्यारों ने दफना दिया। लेकिन, उसकी लाश को इंसाफ मिलना ही था। आखिरकार दो गज जमीन के नीचे पहुंची पुलिस ने लाश को इंसाफ दिला दिया और आरोपियों का ऐसा हश्र हुआ, जिसे सुनकर लोग हैरत में पड़ गए।
गोरखपुर के राजघाट इलाके के बर्फखाना के पास कब्रिस्तान में पुलिस ने कब्र की खुदाई करवाई और लाश निकाली। पांच दिन से कब्र में दफन ये लाश खुद को इंसाफ मिलने का इंतजार कर रही थी। दरअसल ये लाश राजघाट इलाके के चिन्गी शहीद तुर्कमानपुर के रहने वाले जहीन उर्फ मोनू की है। सीओ क्राइम प्रवीण कुमार सिंह ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि मोहर्रम की रात 10 सितंबर को जहीन रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। 12 सितंबर को पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की।
क्राइम ब्रांच और राजघाट पुलिस टीम सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग मिले। पुलिस ने शक के आधार पर राजघाट इलाके के तुर्कमानपुर चिन्गी शहीद किराने वाले सोहेल और बर्फ खाना कब्रिस्तान के पास के रहने वाले शिवम किशोर उर्फ गोलू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पुलिस ने जब थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया तो मामला शीशे की तरह साफ हो गया।
पुलिस के मुताबिक दोनों ने जहीन की बेरहमी से कत्ल की बात स्वीकार कर ली। उन्हीं की निशानदेही पर पुलिस ने कब्रिस्तान से रहीम की लाश को बरामद किया है। सीओ क्राइम ने बताया कि वहीं के पड़ोसी कयामुद्दीन की पत्नी से जहीन की अवैध संबंध थे। जिससे वह काफी परेशान रहता था। इसी कारण उसने अपनी पत्नी को तलाक भी दे दिया था। लेकिन जब संबंध सुधरने लगे, तो पति-पत्नी को अपनी गलती का एहसास हुआ। पति-पत्नी को लगा कि सही नहीं सारी फसाद की जड़ है और इसे रास्ते से हटा दिया जाए तो सब कुछ ठीक हो जाएगा।
कयामुद्दीन और उसकी पत्नी ने मर्डर के प्लान में सुहेल और शिवम को भी शामिल कर लिया। हत्या के लिए मोहर्रम की रात 10/11 सितंबर को चुना गया। कयामुद्दीन की पत्नी ने कोतवाली इलाके के मेवातीपुर के एक घर में मोहर्रम की रात जहीन को बुलाया। कयामुद्दीन और उसके दोनों दोस्त सुहेल और शिवम पहले से वहां मौजूद थे। जहीन जैसे ही वहां पहुंचा, सुहेल और शिवम ने बेसबॉल की स्टिक से उसके सिर पर पीछे से प्रहार कर दिया।
अचानक हुए हमले से जहीन बेहोश हो गया। कयामुद्दीन सोहेल और शिवम ने मिलकर जहीन को मोटरसाइकिल पर लादकर कयामुद्दीन की बर्फखाना कब्रिस्तान की चारदीवारी से सटी ग्रिल की दुकान पर लेकर पहुंचे। तीनों ने मिलकर नुकीले हथियार से जहीन के सिर को गोद कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद तीनों ने दुकान का पिछला दरवाजा खोलकर कब्रिस्तान में गड्ढा खोदने के बाद उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया। इसके बाद दुकान और मोटरसाइकिल पर लगे खून के धब्बों को अच्छे से धो कर साफ कर दिया और कत्ल के निशान मिटा दिये।
हैरत की बात यह है कि जब पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की, तो कयामुद्दीन काफी डर गया। उसने 15 सितंबर को पकड़े जाने के डर से फंदा लगाकर लगाकर घर में ही आत्महत्या कर ली। सीओ क्राइम प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि जहीन के बेरहमी से कत्ल और उसकी लाश को कब्रिस्तान में दफन करने के आरोप में सुहेल, शिवम और कयामुद्दीन की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर एक मोटरसाइकिल बेसबॉल का खून लगा डंडा और एक लोहे का नुकीला रोड आलाकत्ल के रूप में बरामद कर लिया है।
पुलिस ने इस मामले में पहले अपहरण का मुकदमा आईपीसी की धारा 364 के तहत दर्ज किया था। घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने धारा 302, 201, 120 बी और 34 को बढ़ा दिया। कहावत है कि जर, जमीन और जोरू जब गलत तरीके से हासिल की जाती है, तो उसका अंजाम भी बुरा ही होता है। रिश्तों को शर्मसार कर देने वाले इस घटनाक्रम में जहां एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। तो वही, कयामुद्दीन के एक गलत फैसले से उसका सब कुछ खत्म हो गया।