प्रयागराज: पूरब का आक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी पर संविदा कर्मचारियों की भर्ती का टेंडर दो करोड़ रूपये की रिश्वत लेकर दिए जाने का आरोप लगा है. आरोप है कि, दो करोड़ में टेंडर लेने की वजह से भर्ती प्रक्रिया कराने वाली कंपनी अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल रही थी. इस बारे में टेंडर लेने वाली कंपनी से जुड़े एक शख्स का वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में कंसल्टेंट कंपनी से जुड़ा एक ज़िम्मेदार शख्स यह साफ़ तौर पर कह रहा है कि युनिवर्सिटी ने दो करोड़ रूपये की रिश्वत लेने के बाद ही टेंडर दिया है. ऐसे में कंपनी बिना पैसे लिए किसी को भी नौकरी पर नहीं रख सकती है. बहरहाल वीडियो वायरल होने के बाद भर्ती प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है.


वीडियो सामने आने के बाद मचा हड़कंप


गौरतलब है कि इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी को दो सौ से ज़्यादा पदों पर संविदा स्टाफ की भर्ती करनी थी. कंपनी ने भर्ती का ठेका लखनऊ की फर्म मेसर्स सन फैसिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया. कम्पनी ने इस काम में तीन कंसल्टेंट कंपनियों की मदद ली. इन्हीं में से एक कंसल्टेंट कंपनी से जुड़े कुलदीप शर्मा और एके मिश्रा का वीडियो व आडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है.


हमें पैसे लेने ही होंगे


ये दोनों बात करते हुए बता रहे हैं कि युनिवर्सिटी ने दो करोड़ रूपये की रिश्वत लेने के बाद यह टेंडर पास किया है. ऐसे में उन्हें भी अभ्यर्थियों से पैसे लेने ही होंगे. भर्ती प्रक्रिया के पहले ही दिन वीडियो वायरल होने के बाद इंटरव्यू स्थगित कर दिया गया है. इस मामले में युनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोपों को गलत बताया है. हालांकि युनिवर्सिटी की तरफ से अभी औपचारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है.


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