देहरादून, एबीपी गंगा। उत्तराखंड के गांव से निरंतर हो रहे पलायन को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही हैं। पलायन को रोकने के लिए चलाई जा रही कार्य योजना के सुचारू संचालन के लिए बजट में अलग से प्रावधान करने की तैयारी है। प्लान को लेकर तैयार विभाग वार कार्य योजना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को एक अहम बैठक की है।


बैठक में पलायन को रोकने के लिए अलग से बजट में व्यवस्था करने की चर्चा कि गई। इससे पलायन को रोकने के लिए तैयार कार्य योजनाओं में बजट रोड़ा नहीं बनेगा। पलायन राज्य में एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है। पलायन का सिलसिला न थमने से गांव खाली हो रहे हैं। खेत बंजर जमीन में तब्दील हो गए हैं।


पलायन का असर ये हौ कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे गांव भी खाली हो रहे हैं। खुद पलायन आयोग की रिपोर्ट इसकी तस्दीक करती है। पिछले वर्ष जुलाई में पौड़ी में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पलायन पर गहरी चिंता जताते हुए आयोग को निर्देश दिए गए थे कि वह पलायन रोकने के लिए विभागवार कार्य योजना तैयार करे।



पलायन आयोग अपनी कार्य योजना सौंप चुका है जिसके आधार पर विभागों ने अपनी-अपनी कार्य योजनाएं तैयार की हैं। इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर बैठकें हो चुकी हैं जिनमें पलायन थामने के लिए बजट में अलग हेड खोलने पर भी सुझाव रखा गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे पलायन को रोकने के लिए महिलाओं के लिए भी पूर्ण रूप से कृषि क्षेत्रो में अधिकारों को देने की मंशा सरकार की रहेगी।