देहरादून, भाषा। अमेरिका के एक चिड़ियाघर में एक बाघ को हुए कोरोना वायरस संक्रमण से चिंतित उत्तराखंड स्थित कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के अधिकारियों ने बाघों, हाथियों और अपने खोजी कुत्तों को घातक वायरस से बचाने के लिए अपनी रेंजों में पृथक वार्ड बनाए हैं।
सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों के अनुपालन के तहत रिजर्व के कालागढ़ और बिजरानी रेंजों में पृथक वार्ड बनाए गये हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, जानवरों पर नजर रखने के लिए रिजर्व में 40 वीडियो कैमरे और 450 स्टिल कैमरे लगाए गये हैं जिससे कोविड-19 के कारण उनके व्यवहार में होने वाले परिवर्तन पर नजर रखी जा सके।
अधिकारी ने बताया कि कर्मियों को चौकियों पर ही रहने को कहा गया है और उनके कोविड-19 से संक्रमित होने तथा उनसे जानवरों को यह बीमारी होने की आशंका के मद्देनजर उन्हें वहीं जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गश्ती स्टॉफ को भी वन्यजीवों के किसी भी प्रकार के असामान्य व्यवहार पर नजर रखने को कहा गया है। उधर, राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने बताया कि रिजर्व में बाघों तथा अन्य वन्यजीवों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए है।
पात्रो ने कहा, ‘‘रिजर्व में पूर्ण बंद लागू है। जानवरों के लिये खाना अंदर लाए जाने से पहले उसे द्वार पर संक्रमण मुक्त किया जाता है।’’ उन्होंने बताया कि जानवरों को खाना खिलाने और उनकी देखभाल करने वाले कर्मचारियों की भी नियमित रूप से थर्मल जांच की जा रही है ताकि उनके कोरोना वायरस संक्रमित होने की आशंका दूर की जा सके ।
एक अधिकारिक अनुमान के अनुसार, कार्बेट टाइगर रिजर्व में 250 बाघ और 1,100 हाथी हैं जबकि राजाजी टाइगर रिजर्व में 38 बाघ और 450 हाथी हैं। उत्तराखंड वन विभाग के पास 22 हाथी और खोजी कुत्तों के दो दस्ते हैं । नैनीताल स्थित जीबी पंत हाई अल्टीटयूड जू के निदेशक बिजूलाल ने कहा, ‘‘चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है । जानवरों के बाड़े को नियमित रूप से साफ किया जा रहा है । सैनेटाइजर का उपयोग किया जा रहा है।’’ उत्तराखंड में दो टाइगर रिजर्व, छह राष्ट्रीय उद्यान, सात अभयारण्य, चार कंजर्वेशन रिजर्व, दो बड़े चिड़ियाघर, एक छोटा चिड़ियाघर और दो पशु बचाव केंद्र हैं ।