गोरखपुर: सीरीयल ब्लास्ट के दोषी तारिक काजमी को उम्र कैद की सजा, जानें पूरा मामला
22 मई 2007 को गोरखपुर के गोलघर में शाम 7 बजे जलकल गेट, बलदेव प्लाजा पेट्रोल पंप और गणेश चौराहा पर साइकिल में रखे टिफिन में तीन सीरियल ब्लास्ट किए गए थे. इसी तर्ज पर साल 2007 में नवंबर महीने में वाराणसी, फैजाबाद और लखनऊ कचहरी में एक ही समय पर सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया गया था. तारिक को एसटीएफ ने भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ बाराबंकी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था.
गोरखपुर. गोलघर बाजार में करीब 13 साल पहले सीरीयल ब्लास्ट के दोषी तारिक काजमी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार सिंह ने सजा का ऐलान किया. अधिवक्ता यशपाल सिंह ने बताया सीरियल ब्लास्ट के दोषी तारिक काजमी निवासी आजमगढ़ को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. गोरखपुर के मोहद्दीपुर के रहने वाले राजेश राठौर ने इस मामले में कैण्ट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि सजा के अलावा तारिक पर जुर्माना भी लगाया गया है.
गौरतलब है कि 22 मई 2007 को गोरखपुर के गोलघर में शाम 7 बजे जलकल गेट, बलदेव प्लाजा पेट्रोल पंप और गणेश चौराहा पर साइकिल में रखे टिफिन में तीन सीरियल ब्लास्ट किए गए थे. इसी तर्ज पर साल 2007 में नवंबर महीने में वाराणसी, फैजाबाद और लखनऊ कचहरी में एक ही समय पर सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया गया था. तारिक को एसटीएफ ने भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ बाराबंकी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था.
6 लोग हुए थे घायल पहला ब्लास्ट शाम 7 बजे गोलघर के जलकल बिल्डिंग, उसके ठीक पांच मिनट बाद बलदेव प्लाजा के पेट्रोल पंप के पास और गणेश चौराहे पर तीसरा ब्लास्ट हुआ था. इस धमाके में छह लोग घायल हो गए थे. सीरियल ब्लास्ट से पूरे जिले में अफरा-तफरी मच गई थी. तीनों धमाकों को साइकिल में झोले के अंदर टाइम बम के जरिये किया गया था.
बाराबंकी से गिरफ्तार हुआ था तारिक काजमी सीरियल ब्लास्ट के आरोपी आजमगढ़ के रहने वाले तारिक काजमी की गिरफ्तारी पुलिस ने बाराबंकी से की. आरोपी के पास से जो सामान बरामद हुए थे, वह गोरखपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट की घटना से मेल खाते हुए मिले.
इन संगठनों का आया था नाम गोलघर सीरियल ब्लास्ट में पहली बार आतंकी संगठन हरकत-उल-जेहाद-अल-इस्लामी (हूजी) और इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम सामने आया था. वाराणसी, लखनऊ और फैजाबाद की कोर्ट में 23 नवंबर 2007 में सीरियल बम धमाके में हूजी के संदिग्ध आतंकवादी खालिद मुजाहिद और तारिक काजमी को गिरफ्तार किया गया था. इनमें से खालिद मुजाहिद की फैजाबाद की अदालत में पेशी से लौटते वक्त मौत हो गई थी. दोनों आतंकियों ने स्वीकार किया था कि उन्होंने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ मिलकर गोरखपुर में भी सीरियल ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था. सपा सरकार ने मुकदमा वापसी का एलान किया था. हालांकि हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी.
ये भी पढ़ें: