आगरा, नितिन उपाध्याय। आगरा की खाकी वर्दीधारी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। खाकी वर्दीधारी सिपाहियों पर लूट का गंभीर आरोप लगा है। दरअसल मामला थाना ताजगंज क्षेत्र के एडीए हाइट्स में जुआं पकड़ने का है। आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले थाना ताजगंज पुलिस और जिले के पुलिस कप्तान की एसओजी टीम ने छापा मारकर 21 जुआरियों को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी में एसपी सिटी आगरा प्रशांत वर्मा, सीओ सदर विकास जयसवाल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान 21 जुआरियों को पेश करके सात लाख की नगदी बरामद दिखाई थी और धारा 3/4 में सभी जुंआरियों को जेल भेजा गया था जिसमें एक अधिवक्ता भी शामिल थे। उस समय अधिवक्ता रूपकिशोर सहगल को 21 जुंआरियों के साथ जुंआ खेलते हुए दिखाया गया था।


जेल से छूटने के बाद अधिवक्ता रूपकिशोर सहगल शनिवार को एसएसपी आगरा बबलू कुमार के सामने पेश हुए। एसएसपी आगरा बबलू कुमार के सामने पेश होने वाले पीड़ित अधिवक्ता रूपकिशोर सहगल ने कहा कि उन्हें जबरन एसओजी टीम में शामिल राजेश यादव और दीपू यादव नाम के दो सिपाहियों ने पिस्टल की नोक पर रुपए की लूट की थी और अन्य जुंआरियों के साथ दिखा दिया था। इतना ही नहीं पीड़ित द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि एसओजी टीम में शामिल दीपू यादव और राजेश यादव नाम के दोनों सिपाहियों ने 32 लाख रुपए मौके से पकड़े थे। पुलिस ने सात लाख रुपये की बरामदगी दिखाई थी।



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पीड़ित अधिवक्ता की शिकायत पर एसएसपी आगरा ने इस पूरे मामले की जांच सीओ सदर को सौंप दी है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब आगरा के खाकी वर्दीधारियों पर लूट का गंभीर आरोप लगा हो। इससे पूर्व में भी कई सिपाहियों पर लूट के ऐसे ही गंभीर आरोप लगे हैं। पर अब देखना होगा कि इस मामले में सीओ सदर की जांच रिपोर्ट आती है।