सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगे धांधली के गंभीर आरोप, जानें पूरा मामला
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पर गंभीर आरोप लगे हैं. हालांकि कुलपति ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
कानपुर. कानपुर के विश्वविख्यात चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए कृषि विश्वविद्यालय) पर लगातार धांधली के आरोप लगते रहे हैं. वर्तमान कुलपति की कार्यशैली को लेकर तमाम शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. कानपुर मंडल कमिश्रर की जांच में वित्तीय अनियमितताओं में उनको दोषी पाया गया. इस बाबत उनके वित्तीय अधिकारों को शासन के द्वारा सीज भी कर दिया गया, लेकिन इस बीच राजभवन से आए एक पत्र ने इन सब पर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है. कार्यवाही के महज हफ्ते भर के भीतर उन्हें सीएसजेएमयू कानपुर का कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है. जो परस्पर विरोधाभासी दिखता है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दुनिया राम सिंह के हवाले ये संस्थान फरवरी 2020 से है, लेकिन सालभर के अंदर ही कुलपति पर तमाम आरोप लग चुके हैं.
कुलपति के द्वारा कई अनियमिततओं की जानकारी शासन ने संज्ञान में लेने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ कदम उठाते हुए वित्तीय अधिकारी छीन लिए हैं. अभी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान विश्वविद्यालय के खाते से किया जाता था. शासन के हस्तक्षेप के बाद अब इस रवैये पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. पिछले कुल महीनों से विश्वविद्यालय अनियमितताओं के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दें कि सैलरी में होने वाली गड़बड़ी पर तत्कालीन मंडलायुक्त सुधीर एम बोबड़े ने विश्वविद्यालय पर जांच करने के आदेश दे दिए थे. जांच में कमिश्नर ने कृषि विश्वविद्यालय को दोषी मान लिया था. जिसके बाद शासन को अपनी रिपोर्ट भी दे दी थी. इसके साथ तत्कालीन वित्त नियंत्रक राजेश सिंह ने भी होने वाली धांधली से शासन को अवगत कराया था.
हालांकि लगातार उठ रहे सवालों के बाद सरकार एक्शन मोड पर दिखाई दे रही है. कुछ दिनों पूर्व भर्ती में गड़बड़ी की जानकारी होने की शिकायत पर शासन ने कार्यवाही की थी. सारी भर्ती प्रक्रिया को बोर्ड के माध्यम से पूरी कराने की बात करने के बाद अब सैलरी भी ट्रेजरी में देने के आदेश कर दिए. अभी तक यूनिवर्सिटी प्रशासन अपनी मनमानी कर कम वेतन पाने वालों को मनमाना वेतन बांट रहा था, लेकिन आदेश आने के बाद विश्वविद्यालय महकमें में सनसनी फैल गयी है. अब जब ट्रेजरी से सैलरी प्रत्येक व्यक्ति के अकाउंट में सीधे जाएगी तो बिचौलियों को इससे कुछ भी नहीं मिलेगा. हालांकि कुलपति ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
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