विधानसभा सत्र में हंगामे के बीच 7 विधेयक पारित,आरक्षण नीति को लेकर सरकार पर उठाये सवाल
यूपी विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच सात विधेयक पारित किये गये। वहीं विपक्ष ने सरकार पर आरक्षण को लेकर सही नीति न अपनाने का आरोप लगाया।
लखनऊ, शैलेष अरोड़ा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन सात विधेयक पारित किये गए। प्रश्नोत्तर काल में भारी हंगामे के बीच विपक्षियों ने वाकआउट भी किया। विपक्षियों ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।
सत्र में कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय, शिक्षा सेवा अधिकरण, गन्ना विभाग और स्टांप से जुड़े कुल सात विधेयक पारित किए गए। यूपी निजी विश्वविद्यालय विधेयक पारित होने से अब निजी विश्वविद्यालयों में सरकार का दखल रहेगा। वित्तीय या प्रशासनिक अनियमितता मिलने पर सरकार विश्वविद्यालय में प्रशासक नियुक्त करने से लेकर उसको बंद तक कर सकेगी।
शिक्षा विभाग के शिक्षकों और कर्मचारियों के सेवा संबंधी विवादों के निस्तारण के लिए यूपी शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक को भी पारित किया गया। शिक्षक सेवा अधिकरण की कार्रवाई न्यायिक कार्यवाही होगी। इसके गठन से शिक्षा विभाग के कोर्ट में जाने वाले मामलों में कमी आएगी।
सदन में विपक्षियों ने भर्तियों में आरक्षण का मुद्दा उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के जवाब से संतुष्ट न होने पर कांग्रेस, बसपा और सपा तीनों दलों के सदस्यों ने वाकआउट कर दिया। तीनों ही दलों के नेताओं ने कहा कि सरकार संविधान में दी आरक्षण की व्यवस्था को सही से लागू नहीं कर रही। भर्तियों में अधिक अंक लाने के बाद भी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बाहर कर दिया जा रहा है।
सदन से निकलने के बाद बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा की सरकार शिक्षक भर्तियों में आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रही है। ज्यादा अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग के लोगों को न बुलाना उनके अधिकारों का हनन है। उच्चतर शिक्षा आयोग अधिक अंक वालों को नहीं बुला रहा। संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में गुमराह करने का काम किया है।
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि 14 मई को रायबरेली में विधायक अदिति सिंह की हत्या का प्रयास किया गया। इस मामले में अज्ञात की गिरफ़्तारी हुई लेकिन जो नामजद थे उनकी गिरफ़्तारी नहीं हुई। सिर्फ एक महीने छह दिन में पुलिस ने जल्दी में फाइनल रिपोर्ट लगाई। पूरी घटना को समाप्त करने का काम किया। अजय कुमार ने बताया कि आज इस मुद्दे को हमने विधानसभा में चर्चा की मांग रखी थी। इस पर सरकार ने कोई ठोस निर्णय न देकर फिर जांच की बात कही। अजय कुमार लल्लू ने आरक्षण के मुद्दे पर भी बात की। कहा कि जब से भाजपा की सरकार आई है पिछड़े और दलितों के हक को मारने का काम कर रही। आज सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन मौका नहीं मिला इसलिए वाकआउट किया।
विधायक अदिति सिंह ने कहा कि न उनका बयान हुआ न जिला पंचायत सदस्यों का। बिना बयान किस आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगाई गई। अदिति ने कहा कि उनको और जिला पंचायत सदस्यों को अब भी धमकी मिल रही है।
नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि जब से भाजपा सरकार यूपी में आई पिछड़े और अनुसूचित वर्ग के आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त किया है। नियुक्तियों में आरक्षण लागू न होने पर पहले भी मुद्दा उठाया था। विश्वविद्यालय डिग्री कॉलेजों में भर्तियों में आरक्षण के नियमों की अनदेखी हो रही। भर्तियों में सामान्य वर्ग से अधिक अंक आरक्षित के लेकिन इंटरव्यू से बाहर। उच्च शिक्षा आयोग ने समाजशास्त्र, उर्दू समेत विभिन्न विभागों की नियुक्तियां निकाली। इसमें अधिक अंक आने के बाद भी पिछड़े और अनुसूचित वर्ग वालों को इंटरव्यू में किनारे कर दिया। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आरएसएस के इशारे पर आरक्षण ख़त्म करने का काम कर रही। झारखण्ड में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर देश भर में विरोध हुआ। लेकिन मेरठ में कैंडल मार्च निकाला गया तो पुलिस ने मारा पीटा। दुकानदारों से लूट हुई क्योंकि वो सब लोग मुस्लिम वर्ग के थे। राम गोविन्द चौधरी ने कहा की आज़म खान ने कोई ज़मीन घोटाला नहीं किया, सब रजिस्ट्री कराई है। भाजपा का मकसद मुसलमानों को समाप्त करना है।
विधानसभा में पारित हुये विधेयक
यूपी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2019
यूपी शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2019
यूपी राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2019
यूपी राज्य विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019
यूपी निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2019
यूपी गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2019
यूपी स्टाम्प (निरसन) विधेयक 2019