लखनऊ: 200 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति का सौदा करने आए 7 लोगों को सरोजनी नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बदमाशों के पास से जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की बेशकीमती मूर्ति बरामद हुई है.
बांदा के जैन मंदिर से चोरी की गई थी मूर्ती
एसीपी कृष्णानगर स्वतंत्र कुमार सिंह से बताया कि मूर्ति बांदा के एक जैन मंदिर से चोरी की गई थी. बदमाश उसे बेचने की कोशिश में जुटे थे. कुछ तस्करों से उनकी बातचीत भी चल रही थी. मूर्ति तस्करों ने बदमाशों को लखनऊ बुलाया था. सोमवार दोपहर सभी बदमाश बेशकीमती मूर्ति लेकर लखनऊ पहुंच गए. यहां उन्हें नादरगंज नहर पुलिया के पास इंतजार करने को कहा गया. बदमाश मूर्ति लेकर तस्करों का इंतजार कर रहे थे तभी पुलिस को भनक लग गई. पुलिस ने घेराबंदी कर बदमाशों को दबोच लिया.
एक बदमाश फरार
पकड़े गए बदमाश कानपुर के सजेती निवासी सुनील कटियार उर्फ बब्बी, राजू सिंह राज कुमार निषाद उर्फ राजू, महोबा के कबरई में रहने वाले शिवकुमार खगार उर्फ भगत, विनोद कुमार गुप्ता उर्फ कल्लू कट्टा, मोहम्मद अफजल और हमीरपुर के सुमेरपुर के रहने वाले सलमान शाह हैं. बदमाशों का एक साथी कन्नौज निवासी आकाश उर्फ सागर फरार है. उसकी तलाश में पुलिस की टीमें लगाई गईं हैं.
रहा है आपराधिक इतिहास
एसीपी कृष्णानगर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि राजू के खिलाफ हरदोई हमीरपुर में विभिन्न थानों में हत्या के प्रयास, लूट और हत्या युक्त डकैती समेत अन्य धाराओं के 17 केस दर्ज हैं. जबकि, सलमान पर कानपुर और फतेहपुर के विभिन्न थानों में गंभीर धाराओं के 8 मुकदमे दर्ज है. सभी को जेल भेज दिया गया है.
एक करोड़ रुपए में किया था सौदा
एसीपी ने बताया कि बदमाशों ने अष्टधातु की मूर्ति का सौदा एक करोड़ रुपए में किया था. हालांकि, मूर्ति का सौदा किन लोगों से हुआ था और मूर्ति खरीदने वाले उसे कहां भेजने वाले थे, इसका खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस इस पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने के लिए सुराग तलाश रही है.
3 किलो है मूर्ति का वजन
भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति का वजन करीब 3 किलो है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति 200 साल पुरानी है. इसकी इतिहासकारों और पुरातत्वविदों से जांच कराई जाएगी. फिलहाल मूर्ति को थाना के मालखाना में सुरक्षित रखा गया है.
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