प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। कोरोना के ख़तरे के बीच नई दिल्ली के निज़ामुद्दीन में हुए मरकज़ी तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले नौ लोग संगम नगरी प्रयागराज की मस्जिद में छिपकर रह रहे थे। इनमे सात विदेशी हैं। यह सभी यहां बाइस मार्च से छिपकर रह रहे थे। एलआईयू की सूचना पर सरकारी अमले में दो बार यहां पूछताछ की, लेकिन मस्जिद के मुतवल्ली ने झूठ बोलते हुए किसी के रहने से इंकार कर दिया था। मंगलवार की देर रात पुलिस और प्रशासन की टीम ने मस्जिद में छापेमारी कर सात इंडोनेशियाई नागरिकों के साथ ही जमात में शामिल नौ लोगों को पकड़ा। यह सभी लोग अठाइस दूसरे लोगों के साथ पिछले दस दिनों से छोटी सी जगह पर साथ मिलकर रह रहे थे। इन सभी का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद इन्हे क्वारंटाइन में भेज दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में सात विदेशियों के साथ ही जमात में शामिल सभी नौ लोगों और मस्जिद के मुतवल्ली के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस भी दर्ज किया है।


जमात में शामिल लोगों के छिपकर रहने की खबर सामने आने के बाद प्रयागराज में हड़कंप मच गया है। सरकारी अमले को भी अब इनकी मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है। इस दौरान यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह सभी मस्जिद में रहने के अलावा और किन जगहों पर गए थे और दस दिनों में कितने लोगों से मिले थे। छापेमारी के दौरान आस पास के पूरे इलाके को लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था।


निज़ामुद्दीन की जमात में शामिल होने के बाद नौ लोग प्रयागराज में रेलवे स्टेशन के पास अब्दुल्ला मस्जिद के मुसाफिरखाने में रुके हुए थे। यह सभी यहां बाइस मार्च को ही आ गए थे। इनमे से सात लोग इंडोनेशिया के थे, जबकि दो भारतीयों में एक केरल और एक वेस्ट बंगाल का था। यहां यह छिपकर अठाइस दूसरे लोगों के साथ रह रहे थे। एलआईयू की सूचना पर मंगलवार देर रात पुलिस और प्रशासन ने मेडिकल टीम के साथ छापेमारी की और सभी को पकड़ा। इन सभी को शहर की एक बिल्डिंग में क्वारंटाइन कर दिया गया है। अफसरान इसे गंभीर मामला मान रहे हैं। जमात से आए नौ लोगों के साथ ही अब्दुल्ला मस्जिद के मुतवल्ली के खिलाफ शहर के शाहगंज पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया जा रहा है।