Azam Khan News: बेटे अब्दुल्ला आजम के दो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए जाने और उनका दुरूपयोग किये जाने के मामले में दोषी करार दिए गए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान एंड फेमिली की तकदीर का फैसला आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से होगा. सात साल की सज़ा के खिलाफ दाखिल की गई आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. इन याचिकाओं में सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने चौदह मई को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. फैसला जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच से आएगा.  


इस मामले में रामपुर के बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने तीन जनवरी साल 2019 को आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कराया था. तीनों के खिलाफ रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 193 - 420 - 467 - 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक़ आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन ने बेटे अब्दुल्ला आजम का एक बर्थ सर्टिफिकेट 28 जून साल 2012 को रामपुर की नगरपालिका परिषद से बनवाया गया था, जबकि दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट 21 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम से जारी कराया गया. पहले बर्थ सर्टिफिकेट में जन्म स्थान रामपुर बताया गया, जबकि दूसरे में लखनऊ का क्वीन मैरी हॉस्पिटल. आरोप यह लगाया गया कि आजम परिवार अलग - अलग बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल अलग - अलग जगहों पर किया. अलग अलग बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनाकर उनके दुरूपयोग भी किए गए. 


इस मामले में रामपुर पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. चार्जशीट में आईपीसी की धारा 120 बी के तहत भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था. आजम खान ने पत्नी डॉ. तंजीन और बेटे अब्दुल्ला के साथ इस मामले में 26 फरवरी 2020 को रामपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया था. आजम खान को इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से सत्ताइस महीने बाद जमानत मिली थी.   


रामपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में पिछले साल 18 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया और तीनों को सात - सात साल कैद और पचास - पचास हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई. सज़ा सुनाए जाने के बाद परिवार को फिर से जेल जाना पड़ा. पुलिस ने इस मामले में वादी आकाश सक्सेना समेत ग्यारह लोगों को गवाह बनाया था. अभियोजन की तरफ से इस मामले में कोर्ट में पंद्रह गवाह और सत्तर दस्तावेजी सबूत पेश किये गए. हालांकि आजम खान एंड फेमिली की तरफ से कोर्ट में उन्नीस गवाह पेश किये गए, लेकिन उनके बयान सिद्ध नहीं हो सके.  


आजम खान एंड फेमिली ने इस मामले में मिली सज़ा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल कर सात सात साल की सज़ा को रद्द करते हुए सभी को दोषमुक्त किये जाने की गुहार लगाई. मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में हो रही थी. इस मामले में शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना की तरफ से आजम खान एंड फेमिली की याचिका का विरोध करते हुए इसे खारिज किये जाने की गुहार लगाई गई. अब देखना यह होगा कि इस मामले में आजम खान एंड फेमिली को कोई राहत मिलती है और उनकी सज़ा रद्द होती है या नहीं.