सैलरी बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है। यूपी सरकार ने सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के विकास प्राधिकरणों में 7वां वेतनमान लागू करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि, इसमें पेंशन व्यवस्था को संशोधित किया जाएगा।


पेंशन में महंगाई भत्ता जोड़कर देने, 80 वर्ष की आयु होने पर पेंशन में 20 फीसदी की वृद्धि और ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाएगा। इसी तरह पूरी पेंशन पाने के लिए निर्धारित सेवाकाल को 33 से घटाकर 20 साल और न्यूनतम पेंशन के लिए अर्हकारी सेवा 20 से घटाकर 10 साल करने की तैयारी है। इस पर अंतिम फैसला 25 फरवरी को होने वाली बैठक में होगा।



गौरतलब है कि, वित्त विभाग ने दिसंबर 2016 में सभी सरकारी विभागों में 7वां वेतनमान लागू कर दिया था। मगर अभी तक विकास प्राधिकरणों में इसे लागू नहीं किया गया जबकि प्राधिकरणों में इसे लागू करने की मांग काफी दिनों से की जा रही थी।



हाल ही में प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में 7वें वेतन आयोग की संस्तुतियों का लाभ विकास प्राधिकरणों के पेंशनरों समेत केंद्रीयत व अकेंद्रीयत कर्मियों को देने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है। इसमें तय हुआ है कि सातवें वेतनमान का लाभ देने से बढ़ने वाले वित्तीय भार का वहन संबंधित विकास प्राधिकरण ही करेंगे। इसके लिए सरकार के स्तर से कोई वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी। बैठक में बताया गया कि सातवां वेतनमान लागू करने से विकास प्राधिकरणों पर औसतन हर साल 22 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।



वर्तमान में विकास प्राधिकरणों में छठे वेतनमान के तहत सभी सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन पर एक करोड़ 26 लाख 32 हजार 47 रुपये प्रतिमाह खर्च हो रहा है। यानी सालाना पेंशन और पारिवारिक पेंशन पर 15 करोड़ 15 लाख 84 हजार 564 रुपये खर्च हो रहा है। सातवां वेतनमान के आधार पर भुगतान किए जाने पर इसमें सालाना 3 करोड़ 84 लाख 64 हजार 608 रुपये अतिरिक्त व्ययभार संभावित है।