रायबरेली, एबीपी गंगा। बरसात के पहले नाले-नालियों की सफाई के लिए करोड़ो रूपये नगर पालिका को आवंटित होते हैं और नगर पालिका उसे हजम भी कर लेती है लेकिन उसकी पोल तब खुल जाती है, जब थोड़ी सी बरसात हो जाती है. ऐसा ही रायबरेली में एक दिन की बारिश के बाद हुआ. थोड़ी सी ही बारिश से सीवर का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया. लोगों के लिए दैनिक क्रियाएं तक करना दूभर हो गया. शहर के इंदिरा नगर, सोनिया नगर, निराला नगर, सत्य नगर सहित लगभग सभी मोहल्लों का यही हाल है.
दरअसल, रायबरेली में पहली बारिश से बहता पानी लोगों के घरों में घुसने लगा. जिसमें सीवर का पानी मिला होता है. जिससे लोगों के घरों में दुर्गंध फैल गई. लोग अपने ही घरों में कैद से हो गए. लोगों का घर में रखा सामान भीग गया. लोग हैरान थे कि एक ही दिन की बरसात में सीवर का पानी घरों तक कैसे पहुंच गया.
लोगों का कहना था कि सीवर की नालियां बंद हो जाने से गंदा पानी घरों में आ घुसा. कई शहरवासियों ने कहा कि पिछली सरकार और नगर पालिका अध्यक्ष के रहते ऐसा नहीं होता था. यहां तक कि नाले-नालियों की सफाई भी समय पर हो जाती थी. लोगों ने आरोप लगाया कि वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव और उनके पति मुकेश श्रीवास्तव उगाही में ही पूरा दिमाग लगा रहे हैं, उन्हें जनता के काम से कोई सरोकार नहीं है.
सभासद पूनम तिवारी का कहना है कि नगर पालिका में करोड़ो रूपये साफ सफाई के आये हैं लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष और उनके चहेतों ने पूरा पैसा डकार लिया. पूनम ने कहा कि शहर की सफाई को लेकर उन्होंने कई बार बात की लेकिन जिम्मेदारों के सर पर जूं तक नहीं रेंगी. उन्होंने कहा कि नगर पालिका में खुलेआम भ्रष्टाचार और लूट चल रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
फिलहाल पहली बारिश ने नगर पालिका की पोल खोल कर रख दी. यह साबित हो गया कि साफ सफाई के लिए आया धन सिर्फ कागजों में खर्च हुआ है और धरातल पर पहुंचने से पहले ही बंदरबांट हो गया. नगर पालिका के सभासद भी नगर पालिका अध्यक्ष के रवैये और कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल खड़े करते रहे हैं.