Fire In PGI: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (PGI Lucknow) में बीते दिनों आग लगने के बाद सरकार जाग गई है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस बाबत सख्त निर्देश दिए हैं. 


सोशल मीडिया साइट एक्स पर ब्रजेश पाठक ने लिखा- PGI में आग लगने की घटना को गंभीरता से लेते हुए ऐसी घटना प्रदेश के किसी भी चिकित्सालय में न हो, इसकी चिंता करते हुए मेरे द्वारा दिये गए निर्देश के क्रम में प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थान एवं अस्पतालों को समयबद्ध तरीके से फायर ऑडिट और विद्युत सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश जारी किए गए हैं.



 प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सम्भाल रहे पाठक ने इससे पहले एक बयान में कहा था, ''पीजीआई में हुई घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये गये हैं. आग किन कारणों से लगी, कैसे लगी, पूरी बिंदुवार जांच की जाएगी. प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा को तत्काल मौके पर जाने को कहा गया है और घटना में जो दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.''


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दूसरे वार्ड में स्थानांतरित किये गये दो मरीजों की मौत
बता दें PGI के ऑपरेशन थियेटर में सोमवार को आग लगने के कारण उत्पन्न व्यवधान के चलते दूसरे वार्ड में स्थानांतरित किये गये दो मरीजों की मौत हो गयी.


एसजीपीजीआई द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, संस्थान के पुराने ऑपरेशन थियेटर में अपराह्न 12 बजकर 40 मिनट पर एक मॉनिटर से चिंगारी निकलने के कारण आग लग गयी तथा आग पहले 'वर्क स्टेशन' पर और फिर पूरे ऑपरेशन थियेटर में फैल गयी.


बयान के अनुसार, आग लगने के बाद अग्निशमन प्रणाली को तुरंत सक्रिय किया गया और आग पर काबू पाया गया. उसमें कहा गया है, “ऑपरेशन थियेटर में मौजूद सभी मरीजों को आईसीयू में स्थानांतरित किया गया. घटना के वक्त ऑपरेशन थियेटर में एक महिला रोगी की ‘एण्डोसर्जरी’ की जा रही थी और उसे बचाया नहीं जा सका.”


एक महीने के एक बच्चे को भी नहीं बचाया जा सका
बयान में कहा गया है, “साथ ही करीब एक महीने के एक बच्चे को भी नहीं बचाया जा सका. घटना के वक्त उसके हृदय की सर्जरी की जा रही थी. उसे धुएं के कारण ऑपरेशन थियेटर से निकालकर आईसीयू में लाया गया था.”


उप महानिरीक्षक (अग्निशमन) जुगल किशोर तिवारी ने बताया कि अपराह्न 12 बजकर 58 मिनट पर आग लगने की जानकारी मिली थी और पांच मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां मौक पर पहुंच गई थीं और उन्होंने आग पर काबू पा लिया लेकिन करीब-करीब पूरी मंजिल जल चुकी थी.  उन्होंने कहा कि वहां लोगों से पूछताछ की गयी तो पता चला कि घटना के वक्त तीन मरीजों के ऑपरेशन की प्रक्रिया चल रही थी.