Parliament Special Session: केंद्र सरकार ने आगामी 18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जिसे लेकर इन दिनों काफी बहस देखने को मिल रही है. विपक्ष ने सरकार पर विशेष सत्र का एजेंडा नहीं बताने का आरोप लगाया है. बावजूद इसके विरोधी दल सत्र में हिस्सा लेंगे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा है कि उनकी पार्टी इस सत्र का बहिष्कार नहीं करेगी, जिस पर सपा (SP) सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, सपा नेता ने कांग्रेस के रुख का समर्थन किया है.


समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ शफीकुर्रहमान ने कहा कि जयराम जो कह रहे हैं हम उसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि "अगर हम संसद के विशेष सत्र का बहिष्कार करेंगे तो वे एकतरफा फैसला ले लेंगे. इसलिए ये जरूरी है कि संसद में जो भी अहम मुद्दे आए उनका पर बहस हो, हम उसमें दखल दें. महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और हम उन सभी मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे. सारे दल मिलकर नुमाइंदगी करेंगे. 



विशेष सत्र में शामिल होगी कांग्रेस


इससे पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पार्टी की तरफ से एक अहम जानकारी देते हुए कह था कि कांग्रेस विशेष सत्र का बहिष्कार करने की बजाय शामिल होने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए एक मौका है कि हम जनता की परेशानियों को सभी के सामने रख सकेंगे. सभी दल सदन में अलग-अलग मुद्दे सामने रखने की कोशिश करेंगे. हालांकि इस दौरान उन्होंने विपक्ष के साथ चर्चा किए बिना विशेष सत्र बुलाने पर भी सवाल उठाए. 


सोनिया गांधी ने लिखा पत्र


आपको बता दें कि कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने इस संबंध में पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें ये कहा गया है कि विपक्ष से चर्चा किए बिना विशेष सत्र को बुलाया गया. इसके साथ ही उन्होंने नौ मुद्दे भी गिनाए जिन पर विपक्ष चर्चा करना चाहता है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब विपक्ष को विशेष सत्र के एजेंडे की जानकारी तक नहीं है. 


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