'भारत को बरतनी होगी सतर्कता', मौलाना रजवी बोले- पाकिस्तान-बांग्लादेश के हालात खराब
Bareilly Latest News: मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि बांग्लादेश के आंदोलन का प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है. इसलिए भारत को इन इलाकों पर नजर रखने की जरूरत है.
Bareilly Today News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपने एक बयान में कहा कि भारत के दो पड़ोसी देशों में सियासी हालात बहुत खराब है, दोनों देशों में कानून व्यवस्था, आपसी सौहार्द, एक दुसरे का सम्मान के साथ ही अत्याचार बढ़ गया है. इसलिए भारतीय सरकार को सरहदों पर सतर्कता बरतनी होगी, और भारत के विदेश मंत्रालय को दोनों देशों में हो रही उथल-पुथल पर गहरी नजर रखने की आवश्यकता है.
मौलाना ने कहा कि बांग्लादेश में रिजर्वेशन को लेकर छात्रों का आंदोलन उग्र होता हुआ दिखाई दे रहा है. छात्र यूनियन के साथ वहां की स्थानीय राजनीतिक पार्टियां भी आंदोलन का हिस्सा बन गई हैं. इसलिए बांग्लादेशी सरकार को हालात कंट्रोल करने के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
भारत को नजर रखने की जरूरत
बरेलवी मौलाना ने कहा कि कार्फू लगाने के बावजूद सैकड़ों लोगों की जाने भी जा चुकी है. बांग्लादेश के आंदोलन का प्रभाव भारत के उन राज्यों में पड़ सकता है जो सीमा से सटे हुए क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में भारतीय सरकार को बारीकी नजर रखने की जरूरत है, और वो छात्र और व्यापारी वर्ग जो पढ़ने के लिए बांग्लादेश गये या व्यापार करने के लिए लोग बांग्लादेश में रह रहे हैं उन्हें भारत वापसी के लिए आ रही कठिनाइयों को भारत सरकार दूर करे.
''पाकिस्तान की सूरत-ए-हाल भी खराब''
मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान की सूरत-ए-हाल भी बहुत ज्यादा खराब है. पाकिस्तान महंगाई से जूझ ही रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने राजधानी इस्लामाबाद को घेरने के लिए चौतरफा पैदल मार्च शुरू कर दिया है. इस वक्त इमरान समर्थक लाखों की तादाद में रोड पर जुलूस निकाल कर इमरान रिहा करो के नारे लगा रहे है. इन समर्थको का इरादा रावलपिंडी जेल में बंद इमरान खान को छुड़ाना भी है.
बलूचिस्तान में उठने लगी आजादी की मांग
पाकिस्तान पहले से ही आतंकवाद को समर्थन देने की वजह से पूरी दुनिया में घिरा हुआ है. साथ ही बलूचिस्तान के लोगों पर फौज की जुल्म ज्यादती हद से ज्यादा बढ़ जाने की वजह से आजादी भी मांग उठने लगी है. पाकिस्तान के जेरे कंट्रोल कश्मीर (POK) में भी फौज की ज्यादतियां बढ़ जाने की वजह से वहां की आवाम ने फौज और हुकूमत के खिलाफ आंदोलन चलाया और भारत का रास्ता खोल देने के लिए आवाज बुलंद करने लगे.
मौलाना ने आगे कहा कि दोनों देशों की सूरत-ए-हाल बहुत ज्यादा खतरनाक हो चुकी है इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है, और हर घटना क्रम पर गहरी नजर रखने की आवश्यकता है.
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