ग्रेटर नोएडा, एबीपी गंगा। शाहबेरी क्षेत्र में अपने जीवन भर की कमाई लगाकर बायर्स अब अपने सपनों के आशियाने को बचाने के लिए दर-दर ठोकरें खा रहें हैं। बायर्स घर को बचाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहें हैं, लेकिन प्रशासन उनके सपनों के घरों उजाड़ने में लगा है। शाहबेरी गांव के सैकड़ों लोग प्रशासन के खिलाफ अब सड़कों पर उतर आऐ हैं। आज बायर्स जिलाअधिकारी कार्यालय सूरजपुर में पहुंचे और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी मुर्दाबाद नारे लगाकर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश दिखाया।


सड़क पर सैकड़ों परिवार


बायर्स का कहना है कि प्राधिकरण जिस तरह से कार्रवाई कर रहा है उससे उनका परिवार सड़क पर आ गया है। लोगों ने कहा कि बायर्स के फ्लैट या बिल्डिंग पर कार्रवाई न करके प्राधिकरण को बैंक,रजिस्ट्रार ऑफिस और सरकारी महकमे से जुड़े उस हर विभाग पर कार्रवाई करनी चाहिए जिन सब की मिलीभगत से फ्लैट बेचने का काम हुआ है। एक-एक फ्लैट की रजिस्ट्री की जानकारी सरकार से लेकर बैंक, बीमा कंपनी तक को थी शाहबेरी में ऐसा कोई फ्लैट नहीं है जो सरकार को अंधेरे में रखकर बेचा गया, सारे सरकारी तंत्र के रहते में बिल्डिंग बनने से लेकर बेचने तक की प्रक्रिया पूरी हुई है। करवाई उन महकमों के अधिकारियों पर न होकर आम लोग के खिलाफ हो रही है जिन्होंने अपनी जीवन भर की कमाई फ्लैट में लगा दी है। फ्लैटों को तोड़ा जा रहा है जिसका असर हजारों परिवारों पर पड़ रहा है।



प्रशासन की पैनी नजर


बायर्स के पास अब प्रशासन के खिलाफ आंदोलन के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं है। इसी को देखते हुए शाहबेरी के सैकड़ों परिवार जिला अधिकारी गौतमबुध नगर के कार्यालय पर पहुंचे और अपना दर्द बयां किया। बिल्डर और प्राधिकरण के बीच एक आम बायर्स क्यों मरे या सफर करेगा जबकि उसकी कोई गलती नहीं है। एक आम बायर्स जब कोई मकान लेने जाता है तो सबसे पहले वहां का मोटेशन चेक करता है उसके बाद बैंक द्वारा पता लगाया जाता है कि यहां फ्लैटों पर लोन उपलब्ध है या नहीं जबकि बैंक जिस भी प्रॉपर्टी पर लोन देती है वह प्रॉपर्टी सही ही माना जाता है और इसी आधार पर वाहां हजारों लाखों लोगों ने अपना-अपना मकान लिया है। अब इमारत गिरने की घटनाओं के बाद पूरे क्षेत्र पर प्रशासन की पैनी नजर है।