नई दिल्ली, एबीपी गंगा। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहा महिलाओं का धरना खत्म हो गया है। दिल्ली पुलिस ने कोरोना महामारी को लेकर सख्ती दिखाते हुये इस धरने को मंगलवार को खत्म करवा दिया। हालांकि इस दौरान पुलिस कर्मियों को विरोध भी झेलना पड़ा। आपको बता दें कि महिलाएं यहां 15 दिसंबर से धरने पर बैठी थीं। पुलिस की इस कार्रवाई में शाहीन बाग से कुल 9 लोग हिरासत में लिए गए हैं, जिनमें 6 महिलाएं और 3 पुरुष हैं। दिल्ली पुलिस का मानना है कि लॉकडाउन और दिल्ली में धारा-144 लागू होने के दौरान आवश्यक वस्तुओं और इमेरजेंसी वाहनों के आने-जाने में दिक्कत न हो, इसलिए यह कार्रवाई की गई है।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर दिल्ली पूरी तरह से लॉकडाउन और एक जगह पर पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। दिल्ली पुलिस ने अनुपालन कराने के लिए मंगलवार सुबह शाहीन बाग में धरना स्थल पर पहुंची, पुलिस ने पहले तो धरना खत्म करने की गुजारिश की और फिर विरोध करने पर वहां मौजूद 9 लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद यहां पर दोनों ओर की सड़क को पूरी तरह खाली करा लिया गया है।
गौरतलब है कि रविवार को जनता कर्फ्यू के दिन से ही शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव चल रहा था। जनता कर्फ्यू के विरोध और समर्थन को लेकर प्रदर्शनकारी दो गुटों में बंट गए थे। इसे लेकर दोनों पक्षों में बवाल इस हद तक बढ़ गया था कि प्रदर्शनकारियों ने एक दूसरे पर जुते-चप्पल तक फेंके थे।
प्रदर्शनकारियों का एक गुट शुरू से ही कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदर्शन स्थगित करने के समर्थन में था, जबकि दूसरा गुट आज भी पुलिस की कार्रवाई से पहले तक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना जारी करने के पक्ष में अड़ा हुआ था। रविवार से ही शंका थी कि यहां कुछ अप्रिय घटना भी हो सकती है, जिस वजह से भारी पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई थी।