मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का भी होगा सर्वे? इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई
Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah Masjid Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सर्वे का आदेश जारी किए जाने की गुहार लगाई गई है. अर्जी में कहा गया है कि विवादित जगह पर पहले मंदिर था.
Shahi Idgah Masjid Survey Petition: मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज बुधवार (4 दिसंबर) को अहम सुनवाई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में आज दोपहर दो बजे से मामले की सुनवाई होगी. जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई होगी.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा विवाद से जुड़ी 18 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. अर्जियों में विवादित स्थल हिंदुओं को सौंपें जाने की मांग की गई है, हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में आज वाद बिंदु तय किए जाने हैं. पक्षकार भृगुवंशी आशुतोष पांडेय की तरफ से पिछली सुनवाई में एक अर्जी दाखिल की गई थी, इस अर्जी पर भी आज अदालत में सुनवाई होगी.
हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में विवादित परिसर की वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी कराकर सर्वे कराए जाने की मांग की गई है. हाईकोर्ट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सर्वे का आदेश जारी किए जाने की गुहार लगाई गई है. अर्जी में कहा गया है कि विवादित जगह पर पहले मंदिर था.
सनातन मान्यताओं के अवशेष अब भी वहां पर मौजूद
इस अर्जी में बताया गया कि कुछ समय पहले तक वहां पूजा अर्चना होती थी और मूर्तियां रखी हुई थी, लेकिन अब वहां मूर्तियां हटा दी गई हैं. लेकिन सनातन मान्यताओं के अवशेष अब भी वहां पर मौजूद हैं, ऐसे में उस जगह का विशेषज्ञ टीम से सर्वे करा कर उसके रिकॉर्ड सुरक्षित किए जाने चाहिए.
फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के सर्वे को बताया जरूरी
आशुतोष पांडेय की अर्जी में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के सर्वे को जरूरी बताया गया है. कहा गया है कि विवादित स्थल का रिलिजियस कैरेक्टर निर्धारित करने के लिए सर्वे बेहद जरूरी है, पिछली सुनवाई में कुछ पक्षकारों की तरफ से मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर भी सवाल उठाए गए थे. पक्षकारों की ओर से अदालत से इस बारे में शिकायत की गई थी.
अदालत ने तथ्यों के आधार पर ही रिपोर्टिंग करने को कहा
कोर्ट ने इस मामले में मीडिया से तथ्यों के आधार पर ही रिपोर्टिंग करने को कहा था. कोर्ट ने कहा है कि अगर इस संवेदनशील मामले में गलत रिपोर्टिंग की गई तो संबंधित संस्थाओं और मीडिया कर्मियों के खिलाफ अदालत की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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