Sambhal News Today: उत्तर प्रदेश के संभल की जिला अदालत में शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट सोमवार (9 दिसंबर) को भी दाखिल नहीं हो पाई है, इसकी वजह यह है कि कोर्ट सर्वे कमिश्नर रमेश राघव ने अपना स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा है.


इस मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी का कहना है कि हमने इस पर अपनी आपत्ति दाखिल की है, अभी ये रिपोर्ट दाखिल हो ही नहीं सकती है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 8 जनवरी 2025 तय की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा रखी है. इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट से कोई दिशा निर्देश नहीं मिलते हैं तब तक केस आगे नहीं बढ़ेगा. 


मुस्लिम पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी ने कहा, "19 नवंबर को कोर्ट ने जो आदेश दिया था और उसी दिन सर्वे पूरा हो गया था. अखबारों में भी रिपोर्ट आ गई थी, लेकिन 24 नवंबर  को बिना कोर्ट की इजाजत के ये दोबारा सर्वे करने चले गये थे." उन्होंने कहा, "ये गुंडागर्दी है. सर्वे के बाद 29 नवंबर को इन्होंने रिपोर्ट दाखिल नहीं की और न्यायालय से दस दिन का समय मांगा था और न्यायालय ने समय दे दिया था."


मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा, "न्यायालय के जरिये दिया समय आज पूरा हो गया, हमने आपत्ति दर्ज कराई है कि आखिर क्या वजह है जो ये रिपोर्ट दाखिल नहीं करना चाहते हैं. हमें उम्मीद है कि अब ये रिपोर्ट जल्दी दाखिल करने की कोशिश करेंगे. अब सुप्रीम कोर्ट की तारीख से पहले ये कुछ कर ही नहीं सकते हैं."


सर्वे रिपोर्ट रिपोर्ट में देरी होने पर मुस्लिम पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी ने गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा, "क्या ये वादी पक्ष से मिले हुए हैं, क्या वजह है जो ये रिपोर्ट दाखिल नहीं कर रहे हैं? इसमें कोई साजिश है? हम इस पर मंथन कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "हम न्याय चाहते हैं, यहां से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हम अपना पक्ष रखेंगे."
 
दूसरी तरफ कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने कहा कि हमने कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा था, क्योंकि इसमें सुप्रीम कोर्ट का स्टे आर्डर है कि निचली अदालत कोई आदेश पारित न करे. इसलिए हमने 15 दिन के अंदर हम अपनी रिपोर्ट दाखिल कर देंगे. 


कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने कहा, "कोर्ट इसमें कोई आदेश पारित नहीं करेगा, इसलिए हमारा प्रार्थना पत्र फाइल में रख लिया गया है." उन्होंने कहा, "इस मामले में हाईकोर्ट में 6 जनवरी की तारीख लगी हुई है, 6 जनवरी तक लोअर कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं करेगा. इसलिए हमारा प्रार्थना पत्र खारिज करेंगे, उस पर क्या आदेश करेंगे यह नहीं कह सकते. क्योंकि इसमें लोअर कोर्ट का कोई दखल नहीं है. हो सकता है की हम 15 दिन से पहले ही रिपोर्ट दाखिल कर दें."


संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए सर्वे कमिश्नर रमेश राघव को नियुक्त किया था. जिन्हें 10 दिन में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी थी, लेकिन 29 नवंबर को कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने दिन का और समय अदालत से मांगा था. 


जिसका आज समय पूरा हो गया था, लेकिन आज भी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव दाखिल नहीं कर पाए हैं. उन्होंने 15 दिन और अदालत से मांगे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक के कारण सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी, संभल ने इस पर आज कोई निर्णय नहीं लिया है. अब देखना होगा की कोर्ट सर्वे कमिश्नर रमेश राघव अपनी रिपोर्ट कब तक अदालत में दाखिल करते हैं. 


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