Shahjahanpur News Today: शाहजहांपुर की मीरानपुर कटरा नगर पंचायत के एक सरकारी बाबू का कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र पटल पर बैठे बाबू ने मृत व्यक्ति के दो अलग-अलग तारीखों में मृत्यु सर्टिफिकेट जारी किया है. एक सर्टिफिकेट मृतक के बेटे और दूसरा सर्टिफिकेट मृतक के बेटी को जारी किया गया है.
बता दें, भ्रष्टाचार के आरोप यह बाबू पहले सस्पेंड किया जा चुका है, लेकिन कोर्ट से मिले स्टे ऑर्डर पर आरोपी बाबू पटल पर जमा हुआ है और कथित तौर पर नित नए भ्रष्टाचार के नए कारनामों को अंजाम दे रहा है. आरोपी बाबू के खिलाफ बंगशान मोहल्ले के सभासद अशांक गुप्ता शिकायत दर्ज कराई है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
सभासद अशांक गुप्ता ने शिकायत बताया कि नगर के मोहल्ला कटरा बाजार निवासी जगदीश प्रसाद गुप्ता पुत्र दरबारी लाल गुप्ता की मौत 24 अक्तूबर 2024 को हो गई थी. उनके पुत्र रमेश चंद्र गुप्ता और पुत्री अनीता गुप्ता ने अलग-अलग मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था.
एक ही व्यक्ति की दो बार मौत
मृत्यु एवं जन्म प्रमाण पत्र पटल पर बैठे बाबू सुरेंद्र गंगवार ने मृतक की बेटी अनीता गुप्ता को जो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है, उसमें मौत की तारीख 24 अक्तूबर 2024 ही बताई है. इसके पश्चात एक अन्य प्रमाण पत्र मृतक के पुत्र रमेश चंद्र गुप्ता को जारी किया गया, जिसमें मौत की तारीख 25 अक्तूबर 2024 दिखाई गई है.
बाबू सुरेंद्र गंगवार ने इस सर्टिफिकेट को जारी करने को लेकर अपनी सफाई दी है. सुरेंद्र गंगवार ने बताया कि रमेश चंद्र गुप्ता ने नगर पंचायत को सूचना दी थी कि अनीता गुप्ता को जो प्रमाण पत्र जारी किया गया है, उसमें तारीख गलत दी गई है. जिसे निरस्त करके 25 अक्तूबर 2024 को मृत्यु की तारीख दिखाई जाए. इसी वजह से यह मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है.
सभासद ने जताई ये आशंका
हालांकि इस पूरे मामले भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है. इसकी वजह यह है कि मृतकी के बेटी के जरिये मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवाने के बाद बावजूद बेटे ने अलग तारीख में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवाने की मांग की है. सभासद ने इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की मांग की है.
सभासद अशांक गुप्ता ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में नगर पंचायत प्रशासन पूरी तरह से संलिप्त नजर आ रहा है, क्योंकि बगैर अधिशासी अधिकारी के या किसी अन्य अधिकारी के संज्ञान में आए बगैर ये सर्टिफिकेट जारी ही नहीं किया जा सकता हैं.
'ये एक मानवीय त्रुटि'
इस संबंध में अधिशासी अधिकारी से भी बातचीत की गई. अधिशासी अधिकारी का कहना है कि यह एक मानवीय त्रुटि है, जिसे सही कर दिया गया है. पोर्टल पर सही तिथि वाला प्रमाण पत्र ही अपलोड है.
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