बरेली: मादक पदार्थों से जुड़े मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के संबंध में तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि 'अभिनेता यदि मदरसे में पढ़े होते तो यह दिन नहीं देखना पड़ता'. उन्होंने कहा कि शाहरुख खान ने यदि बेटे को कुछ दिन मदरसे में शिक्षा दिलाई होती तो उसे इस्लाम के नियमों के बारे में पता होता और यह दिन नहीं देखना पड़ता. इस धर्म में किसी भी तरह का नशा करना प्रतिबंधित है. 


मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, ''फिल्म जगत के लोग इस्लाम के आदेशों से वाकिफ नहीं हैं. इस्लाम में नशा करना हराम है और यह बात मदरसे में पढ़ाई और समझाई भी जाती है.'' मौलाना ने कहा, ''धर्म में यह भी कहा गया है कि अगर बच्चा गलत हरकतों में पड़ जाए तो मां-बाप उसे प्यार से समझाकर सही रास्ते पर लाने का प्रयास करें. शाहरुख खान यदि मदरसे में कुछ पढ़े होते तो उन्हें इसका अहसास होता.''


शहाबुद्दीन रजवी ने ज़ोर दिया, ''भले ही कुछ दिन, मगर, धार्मिक शिक्षा भी ग्रहण करनी चाहिए. शाहरुख खान को मदरसा नहीं मिला तो घर के पास किसी मस्जिद के इमाम से धार्मिक शिक्षा ले लेते. उन्हें अपने बेटे को भी इस्लाम के नियमों से रूबरू कराना चाहिए था.''


आर्यन खान मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं


बता दें कि सुपर स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स लेने के आरोप में इस समय मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं. खबरों के मुताबिक आर्यन खान जब एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की हिरासत में थे तो एनसीबी में उनकी काउंसलिंग भी की गई थी.


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