कुशीनगर, एबीपी गंगा। यूपी पुलिस अपनी कारस्तानियों के चलते हमेशा चर्चा में बनी रहती है। एक बार फिर यूपी पुलिस खबरों में है और चर्चा ऐसी है जो उसके चेहरे पर बदनुमा दाग लगाने के लिए काफी है। मामला कुशीनगर जनपद के विशुनपुरा थाने का है जहां का एक दारोगा गरीब लाचार व्यक्ति को 20 दिनों से निरूद्ध करके घरेलू काम करा रहा है...वर्दी के नशे मे मदमस्त दारोगा अरुण कुमार चौबे गरीब लाचार व्यक्ति से अपने शरीर की मालिश भी करा रहा है। हैरत की बात यह है कि यह सब थाने परिसर में स्थित उनके कमरे हो रहा है और थाने की कमान संभालने वाले एसओ साहब इससे अनजान बने हुए हैं। मामला तब खुला जब किसी ने दारोगा का मालिश कराते वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया इसके बाद महकमे में हड़कंप मचा और फिर पुलिस अधीक्षक ने दारोगा को तुरंत लाइन हाजिर कर दिया लेकिन एसओ को सिर्फ चेतावनी देते हुए छोड़ दिया। एसपी की इस कार्रवाई पर सवाल खड़ा हो गया है।
विशुनपुरा थाने के जंगल लुअठहां गांव के रहने वाले बच्चा खटिक के बेटे धर्मेन्द्र कुमार पर गांव के एक परिवार ने लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी। हैरानी की बात है कि अक्सर मामलों में लापरवाही बरतने वाली पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए बच्चा खटिक को थाने में तलब किया...थाने पहुंचे बच्चा खटिक को दारोगा अरुण चौबे ने मानसिक रूप से टार्चर किया लेकिन पूरे मामले से अनजान बच्चा खटिक से पुलिस को कुछ जानकारी हासिल नहीं हुई ...होना यह चाहिये था कि मामले की जांच कर रहे दारोगा अरुण कुमार बच्चा खटिक को छोड़ देते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया...दारोगा अरुण कुमार चौबे ने पुलिस थाने में बच्चा खटिक को बेवजह बैठाकर बेगारी कराना शुरू किया पहले तो वह बच्चा से घरेलू काम कराते रहे लेकिन बाद में उससे अपने शरीर की मालिश भी कराने लगे...पुलिस के भय से बच्चा पर दारोगा जुल्म करते रहे और वह सब सहता रहा। बच्चा खटिक अपने घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य है। बीस दिन से थाने में जबरदस्ती बैठाये जाने से परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गया जिससे परेशान होकर उसकी पत्नी मायके चली गई और घर में नाबालिग बेटा बचा था। घर में अकेले रह रहे नाबालिक बेटे ने सारी बात बताई जो पुलिस को कटघरे मे खड़ा करने के लिए पर्याप्त है।
बच्चा खटिक को बीस दिनों तक थाने में जबरदस्ती रोककर अपनी सेवा कराने वाले अरुण कुमार चौबे के इस कारगुजारी की पोल तब खुली जब किसी ने विशुनपुरा थाने में चल रहे इस अमानवीय कृत्य का वीडियो बनाया और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्र ने दारोगा अरुण कुमार चौबे को तत्काल लाईन हाजिर करते हुए सीओ तमकुही को पूरे मामले की जांच सौंप दी लेकिन जिस थाना परिसर में दारोगा यह अमानवीय कृत्य कर रहा था उस थाने के एसओ पर कोई कार्रवाई नहीं किया। एसओ के सवाल पर पुलिस अधीक्षक कहने लगे कि सबको चेतावनी दी गई है कि अगर आगे से ऐसा कोई मामला सामने आता है तो उनकी जिम्मेदारी तय होगी।