Shamli Farmers Protest: शामली में गन्ना बकाया भुगतान को लेकर किसानों ने दिया धरना, जिला गन्ना अधिकारी को बनाया बंधक
UP News: गन्ना बकाया भुगतान को लेकर आज शामली में किसानों ने धरना दिया और जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह को उनके ही ऑफिस में बंधक बनाया गया.
Shamli News: शामली के जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह को उनके ही ऑफिस में बंधक बनाया गया. दरअसल, बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में डीसीओ ऑफिस में धरना दिया गया. जिला गन्ना अधिकारी को बंधक बनाकर गन्ना पेमेंट कराने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि जनपद के तीनों चीनी मिलों पर पिछले सत्र का 200 करोड़ बकाया और इस सत्र का 230 करोड़ रुपए बकाया है. अगर गन्ना पेमेंट नहीं होता है तो लगातार धरना जारी रहेगा.
बता दें मामला जनपद शामली के जिला गन्ना अधिकारी के ऑफिस का है. जहां पर बकाया भुगतान को लेकर भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष कपिल खटियान के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में जिला गन्ना अधिकारी को उनके ही ऑफिस में बनाया. बंधक गन्ना पेमेंट को लेकर जिला गन्ना अधिकारी के ऑफिस में धरना दिया. भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की. धरना स्थल पर लगे किसानों की मांग है कि हमारा तीनों चीनी मिलों का पिछले सत्र का 300 करोड़ रुपए बकाया गन्ना भुगतान है और इस सत्र का 230 करोड रुपए बकाया है.
जानिए कार्यकर्ताओं की क्या है मांग?
कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसान भुखमरी की कगार पर आ गया है. ना तो किसान के बच्चों की फीस जा रही है, ना ही खाने को उन पर कुछ है, जिससे काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन गन्ना मंत्री सुरेश राणा इसी जनपद से आते हैं लेकिन किसानों का गन्ना बकाया भुगतान नहीं करा पा रहे हैं. ऐसे में किसानों ने जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह को उनके ऑफिस में बंधक बनाकर धरना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि जब तक गन्ने का पेमेंट नहीं होता तब तक इनको बंधक बनाए रखेंगे और धरना खत्म नहीं करेंगे. आज आर पार की लड़ाई है, कल से शामली डीएम ऑफिस पर भी धरना होगा. हजारों की संख्या में किसान धरना देगा.
जिला अध्यक्ष कपिल खटियान ने कही ये बात
जिला अध्यक्ष कपिल खटियान का कहना है कि हमने जिला गन्ना अधिकारी को बंधक बना लिया है और जब तक हमारा भुगतान नहीं होता तब तक हम इन को बंधक बनाए रखेंगे. चाहे आर-पार की लड़ाई क्यों ना हो, चाहे हमें जेल क्यों ना भेज दें लेकिन अब हम अपना गन्ने का पेमेंट लेकर ही यहां से उठेंगे. पिछले सत्र का पैसा भी अब तक नहीं आया है और इस सत्र का भी पैसा करोड़ों में रुका हुआ है.
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