Shamli News: 'मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाना बेबुनियादी मुद्दा', अजान- हनुमान चालीसा पढ़ने के विवाद पर बोले मुस्लिम
शामली में मुस्लिमों ने अजान, हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर पर अपनी बात रखी है. मुस्लिमों ने कहा, 'हमें हनुमान चालीसा से दिक्कत नहीं है. लाउडस्पीकर पर अजान का मुद्दा बेबुनियाद है.'
UP News: मस्जिद में अजान के दौरान लाउडस्पीकर का मुद्दा गर्माता जा रहा है. जिसके चलते अब हिंदू और मुस्लिम धर्मों में अजान करने और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर आमने-सामने की जंग छिड़ चुकी है. वही हिंदू धर्म में अब हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर पर गाई जाने लगी है. वहीं शामली में जब जुम्मा की नमाज के दौरान मुस्लिम लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें हनुमान चालीसा से कोई एतराज नहीं है. वहीं अगर किसी को लाउडस्पीकर से कोई दिक्कत या परेशानी है तो लाउडस्पीकर की आवाज धीमी की जा सकती है. मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाना बेबुनियादी मुद्दा है.
मुस्लिमों ने कही ये बात
दरअसल रमजान माह चल रहा है और इस दौरान आज शामली जनपद में जुमे की नमाज अदा की गई है जहां पर मुस्लिमों का कहना है कि लाउडस्पीकर सदियों से मस्जिदों में अजान के दौरान इस्तेमाल किया जाता रहा है. अब से पहले कभी किसी को कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन अगर किसी भी धर्म के लोगों को लाउडस्पीकर से होने वाली अजान से कोई दिक्कत या परेशानी है तो लाउडस्पीकर की आवाज कम की जा सकती है. वही हिंदू और मुस्लिम हमेशा दोनों एक दूसरे का सम्मान करते आए हैं. लेकिन अब लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा का मुद्दा उठाकर माहौल बिगाड़ने की बात की जा रही है.
हनुमान चालीसा से नहीं है एतराज
वही मंदिरों में हनुमान चालीसा पढ़ने से हमें कोई एतराज नहीं है इसलिए हमारी अजान से भी किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए. मस्जिदों में अगर अजान के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है तो वह महज डेढ़ से 2 मिनट का समय होता है. अगर लाउडस्पीकर की तेज आवाज से भी किसी को कोई परेशानी है तो आवाज भी धीमी की जा सकती है. लेकिन मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाना बे बुनियादी मुद्दा है.
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