Shamli Ghatwala Khap Panchayat: शामली (Shamli) के लिसाड़ गांव में चल रही गठवाला खाप (Ghatwala Khap) की पंचायत में अचानक से नरेश टिकैत (Naresh Tikait) के पहुंचने के बाद वहां मौजूद कई सदस्यों ने सवाल उठाए कि आखिरकार उन्हें किसने बुलाया. काफी जद्दोजहद के बाद नरेश टिकैत ने अपना पक्ष रखा और कहा कि भाई हम तो तुम्हें न्योता देने आए हैं, अब तुम्हारी इच्छा है कि 5 सितंबर को होने वाली किसान पंचायत (Farmer Panchayat) में शामिल हो या नहीं. उनके जाने के बाद फिर गठवाला खाप की पंचायत शुरू हुई और पंचायत (Panchayat) में ये निर्णय लिया गया कि अगर किसानों की बात होगी किसानों की पंचायत होगी तो उसमें गठवाला खाप शिरकत करेगी. लेकिन, राजनीतिक कारण होगा पंचायत का या टिकैत की पंचायत होगी तो उसमें गठवाला खाप शिरकत नहीं करेगी यानी उसका बहिष्कार करेगी.
नरेश टिकैत आग बबूला हो गए
पंचायत में पहुंचने के बाद नरेश टिकैत से पंचायत में मौजूद एक शख्स ने पूछा ये गठवाला खाप की पंचायत है आपको किसने बुलाया. इसके बाद नरेश टिकैत आग बबूला हो गए और वो पंचायत छोड़कर जाने लगे. लेकिन, वहां मौजूद लोगों ने नरेश टिकैत को रोका और गठवाला खाप के मुखिया राजेंद्र मालिक ने कहा ये घर चौधरी टिकैत का है वो जब चाहें तब यहां आ सकते हैं उन्हें किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है. उन्होंने नरेश टिकैत को वहां पर आमंत्रित कर बैठने को कहा इसके बाद नरेश टिकैत और गठवाला खाप के मुखिया राजेंद्र एक मंच पर बैठ गए.
बिना निमंत्रण के कैसे जाएं
एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र मलिक ने कहा कि जिस बात को लेकर उन्होंने चौधरी नरेश टिकैत को 10 दिनों में अपने बयान वापस लेने की बात कही थी वो तो उन्होंने कही ही नहीं. सिर्फ यहां आकर अपनी बात रखी और कहा कि पंचायत में आना या ना आना ये तुम्हारी मर्जी. ऐसे में बिना निमंत्रण के कैसे जाएं. चौधरी राजेंद्र मलिक ने कहा कि पंचायत का राजनीतिकरण होगा या फिर वो पंचायत टिकैत के नाम पर होगी तो उस पंचायत में गठवाला खाप के चौधरी और उनके सदस्य शिरकत नहीं करेंगे. यानी गठवाला खाप और बालियान खाप में तनातनी अभी भी बरकरार है.
खत्म हो चुका है मनमुटाव
जबकि, बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान कहा कि उनका और गठवाला खाप का मनमुटाव पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. दोनों चौधरी 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत में एक मंच पर दिखेंगे. कुछ लोगों की साजिश थी कि दोनों खापों में टकराव हो लेकिन अब उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे.
विधायक उमेश मलिक के साथ हुई थी अभद्रता
कहने को तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले जाटलैंड के नाम से जाने जाते हैं. लेकिन, इन जिलों में अब जाट समुदाय की खाप आमने-सामने आ गई है. इसके पीछे की वजह है गठवाला खाप से आने वाले बुढ़ाना से बीजेपी विधायक उमेश मलिक के साथ गांव सिसौली में हुई अभद्रता.
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