Shamli News: गन्ना मिलों पर किसानों का 870 करोड़ बकाया, पैसे नहीं होने से फसल बचाने की चुनौती
UP News: किसानों का आरोप है, मिल मालिकों ने भुगतान नहीं किया जिससे फसल बचाने की चुनौती आ गई है. फसल में बीमारी लग गई है, पैसे नहीं हैं कि कीटनाशक खरीदकर रक्षा कर सकें.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के शामली (Shamli) जनपद में गन्ना मिलों पर किसानों का 870 करोड़ रुपये के लगभग बकाया है. प्रदेश सरकार जहां एक ओर गन्ने के भुगतान का दावा कर रही है वहीं शामली जनपद में जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद अभी तक 33% भुगतान ही हो पाया है जबकि आगामी सत्र के शुरू होने में मात्र 2 महीने बाकी हैं. लगभग 1 सप्ताह पहले जिलाधिकारी जसजीत कौर ने शामली जनपद के तीनों मिलों के अधिकारियों को तलब कर गन्ना भुगतान की स्थिति का पता लगाया था. जिलाधिकारी ने गन्ना मिल मालिकों को निर्देश दिए थे कि वे आगामी सत्र के चालू होने से पहले किसानों का बकाया 100% भुगतान कर दें.
किसानों ने क्या आरोप लगाया
जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद किसानों का आरोप है कि मिल मालिकों ने उनका भुगतान नहीं किया है, जिसकी वजह से उनके सामने घरेलू समस्या के साथ-साथ आगामी फसल को बचाने की चुनौती भी आ गई है. उनकी गन्ने की फसल में बीमारी लग गई है उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे कीटनाशक खरीदकर उसकी रक्षा कर सकें.
चुनाव में भी उठा था मुद्दा
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में गन्ने भुगतान का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया था. जहां बीजेपी सरकार ने गन्ने के भुगतान के लिए 14 दिन निर्धारित किए थे वहीं विपक्षी पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में भुगतान का वादा किया था. भुगतान की कीमत बीजेपी सरकार को चुकानी भी पड़ी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा. गन्ना बाहुल्य क्षेत्र शामली में बीजेपी इस गन्ना भुगतान के मूल्य के मुद्दे को लेकर यहां अपनी तीनों सीट से हाथ धो बैठी. अभी आगामी सत्र के चालू होने में करीब 2 महीना रह गया है. देखना यह है कि अब सरकार या जिला प्रशासन किसानों का बकाया भुगतान करा पाता है या नहीं है, एक बड़ा सवाल है.
डीएम ने क्या कहा
डीएम शामली जसजीत कौर ने बताया कि, चीनी मिल का भुगतान थोड़ा स्लो चल रहा है. हमने तीनों चीनी मिलों से इसे लेकर मीटिंग की है. गन्ना अधिकारी भी उसमें उपस्थित रहे. तीनों चीनी मिल के प्रतिनिधि यहां आए थे. वर्तमान का भुगतान लगभग 35% हुआ है, 750 करोड़ बकाया है. हम ये प्लान कर रहे हैं कि चीनी मिल शुरू होने से पहले पिछले वर्ष का पेमेंट कर दिया जाए. इसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है. महीने का इन्स्टॉलमेंट निकाल कर हम लोग इनको बता रहे हैं कि हर महीने कितना पेमेंट करना है. इस संबंध में बैठक बुलाई गई है.
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