Shamli News: वायरल वीडियो ने खोली पोल, पक्का श्मशान घाट नहीं होने पर शव जलाने के लिए मशक्कत करते दिखे ग्रामीण
जनपद शामली (Shamli) के थाना क्षेत्र के गांव भैसानी इस्लामपुर (Bhaisani Islampur) का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ग्रामिणों बारिश के कारण शव जलाने के लिए जद्दोजहद करते दिख रहे हैं.
UP News: जनपद शामली (Shamli) के थाना क्षेत्र के गांव भैसानी इस्लामपुर (Bhaisani Islampur) में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए कोई भी पक्का शमशान घाट नहीं है. विगत दिनों बारिश के दौरान एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति की मौत हुई. जिसके बाद ग्रामीण उसके शव को दाह संस्कार के लिए ले जाते समय काफी जद्दोजहद करते देखे गए. भीगी लकड़ियों में शव को जलाने के लिए ग्रामीणों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
क्या है मामला?
ये क्षेत्र पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा का विधानसभा क्षेत्र रहा है. लेकिन आज भी इस क्षेत्र के गांव भैसानी इस्लामपुर में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए पक्का श्मशान घाट नहीं है. गांव भैसानी इस्लामपुर में 80 वर्षीय अनुसूचित जाति के नत्थन की लंबी बीमारी के चलते पिछले दिनों मौत हो गई. इस दौरान जब ग्रामीण शव को श्मशान घाट पर ले जा रहे थे, तेज बारिश की वजह से उन्हें शव को भीगने से बचाने के लिए पॉलीथिन का इस्तेमाल करना पड़ा.
यही नहीं जब ग्रामीण शव को श्मशान घाट पर ले गए तो भी उन्हें खुले आसमान के नीचे नत्थन के शव को रखकर जलाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस जद्दोजहद में ग्रामीणों को जलती चिता के ऊपर चारों कोनों से तिरपाल को पकड़े रखना पड़ा. आग जलने के बाद बारिश के बीच गीली लकड़ियों में ही शव का दाह संस्कार करना पड़ा.
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वायरल हुआ वीडियो
सारा दृश्य वहां उपस्थित किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया और बाद में उसे वायरल कर दिया. गांव भैसानी मुस्लिम बाहुल्य गांव है. इस गांव में लगभग 11 हजार से अधिक मतदाता हैं. जिनमें 300 से अधिक मतदाता अनुसूचित जाति के हैं. यहां पर श्मशान घाट की अपनी 4 बीघा जमीन तो मौजूद है, लेकिन ना ही तो जिला प्रशासन ने और न ही ग्राम पंचायत ने अभी तक श्मशान घाट के ऊपर कोई छत की व्यवस्था की. श्मशान घाट में चारदीवारी भी नहीं है. जिससे यहां पर सीधे तौर पर विकास कार्यों को लेकर ग्रामीण भेदभाव किए जाने का आरोप लगा रहे हैं.
एक ओर जहां सरकार गांव में विकास के दावे कर रही है, वहीं इतनी बड़ी आबादी के लिए पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा के विधानसभा क्षेत्र के इस गांव में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए पक्का श्मशान घाट ना होना सरकार के विकास कार्यों के दावों की पोल खोल रहा है.
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