अब उत्तर प्रदेश पर है शरद पवार की नजर, बोले- मंदिर के लिए ट्रस्ट बना तो मस्जिद के लिए क्यों नहीं
शरद पवार की नजर अब उत्तर प्रदेश पर है। पवार ने सरकार से पूछा है कि आप जैसे राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बना सकते हैं तो मस्जिद के लिए क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि देश तो सबका है और सभी के लिए है।
लखनऊ, एजेंसी। महाराष्ट्र में भाजपा को पटखनी देने के बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की नजर अब देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर है और वह पार्टी का संगठन यहां मजबूत करना चाहते हैं। प्रदेश कार्यकर्ता सम्मेलन में पवार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर कहा कि 'जैसे मंदिर के लिए ट्रस्ट बना, वैसे ही मस्जिद के लिए भी बनायें। देश सबका है और सरकार सबकी, सभी मजहब वालों की है।
पवार ने कहा कि 'देश में अलग तरह का माहौल है। जिनके हाथ में हुकूमत है, उन्होंने आम जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया। देश के इतिहास में उत्तर प्रदेश का अलग स्थान है। स्वतंत्रता आंदोलन में काफी बड़ा योगदान है। सबसे ज्यादा नेता उत्तर प्रदेश से पैदा हुए। उत्तर प्रदेश में देश को सही रास्ते पर लाने की क्षमता है।'
NCP Chief Sharad Pawar in Lucknow: Aap jaise Ram Mandir banane ke liye Trust bana sakte hain, masjid banane ke liye Trust kyun nahi bana sakte? Desh to sabka hai, sabhi ke liye hai. pic.twitter.com/kfxloeYP3v
— ANI UP (@ANINewsUP) February 19, 2020
शरद पवार ने कहा कि, '2004 में जब मैं कृषि मंत्री बना तो शपथ के पहले ही दिन एक फाइल मेरे सामने आयी। उसमें था कि देश के पास गेहूं नहीं है और आयात करना होगा। यह जानकर बहुत दु:ख हुआ। इतना बड़ा देश और हमें अमेरिका, ब्राजील या आस्ट्रेलिया से गेहूं खरीदने की नौबत आये। फाइल दूर रख दी। अगले दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का फोन आया कि गोदामों में अनाज काफी कम है। जितनी जल्दी संभव हो, इंतजाम किया जाए। मैंने अपने मन के खिलाफ विदेश से गेहूं मंगाया। तभी तय किया कि स्थिति में बदलाव लाना है। 2014 में मैंने कृषि मंत्री का पद छोड़ा तो खुशी इस बात की थी कि 2004 में आयात किया था लेकिन 2014 में जब छोड़ा तो भारत दुनिया के देशों को अनाज भेजने वाला देश बन गया। भारत ने पहले नंबर पर चावल पैदा किया और निर्यात किया। दूसरे नंबर पर गेहूं पैदा किया और निर्यात किया। चीनी का निर्यात किया।'
पवार ने कहा कि आज किसान आत्महत्या करने पर मजबूत हो रहे हैं। खाद और तेल के दाम बढ़ रहे हैं। बैंकों और साहूकारों का पैसा वापस नहीं कर पाने की स्थिति में बेइज्जती से बचने के लिए कभी कभी किसान आत्महत्या कर लेते हैं। यह देश का दुर्भाग्य है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में हर क्षेत्र में बेरोजगारी बढी है। बेरोजगारी रहेगी तो मुल्क में शांति कैसे रहेगी। आज का नौजवान रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों का रूख करता है। ये स्थिति ठीक नहीं है। सरकार जवाब दे कि बेरोजगारी कैसे जाएगी।
शरद पवार ने कहा कि भाजपा एक के बाद राज्यों में चुनाव हारती गयी, चाहे मध्य प्रदेश हो, राजस्थान हो या दिल्ली। दिल्ली में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी जुटे। भाजपा नेताओं की डयूटी लगायी गयी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री लगाये गये। लेकिन दिल्ली की जनता ने दिखाया कि देश में बदलाव की शुरूआत हुई है।