पीलीभीत में दिख रहा है शारदा नदी का कहर, बाढ़ के खौफ से सहमे लोग
शारादा नदी का कहर राहुल नगर गांव में इस कदर है कि लोग अपने आशियाने को तोड़कर सुरक्षित जगह पर पलायन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शारादा के कहर से कई मकान बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं।
पीलीभीत, एबीपी गंगा। शारादा नदी बाढ़ के चलते कटान करती हुई अब हजार थाना क्षेत्र के राहुल नगर गांव तक पहुंच गई है। लोग बढ़ते जलस्तर के खौफ से अपनी ही मेहनत से बनाए हुए घर को तोड़ने के लिए मजबूर हैं। गांव में चारों तरफ बाढ़ के हाहाकार से लोग पलायन कर सुरक्षित जगह खोजने में जुटे हैं। लगातार उत्तराखंड के बनवसा बैराज से पानी छोड़ा जा रहा रहा है जिसकी वजह से स्थिति यावह हो गई है। बनवसा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से शारादा नदी उफान पर है।
शारादा का कहर राहुल नगर गांव में इस कदर है कि लोग अपने आशियाने को तोड़कर गांव से दूर सुरक्षित जगह पर पलायन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शारादा के कहर से कई मकान बाढ़ की चपेट में आकर बह गए। ये मकान प्रधानमंत्री आवास योजना से बनवाए गए थे। बाढ़ का पानी पूरे गांव में भर गया है। छोटे-छोटे बच्चे जान जोखिम में डालकर तेज बहाव वाले पानी में उतरने को मजबूर हैं।
राहुल नगर गांव के लोग राहत बचाव कार्य में जुटे हैं। यह सब जिला प्रशासन के बाढ़ खण्ड की लापरवाही का रवैया है जो बाढ़ खण्ड के पूरे बजट को बंदरबांट कर जाते हैं। बाढ़ खंड की बड़ी लापरवाही के चलते आज बाढ़ प्रवाहित क्षेत्रों में भारी नुकसान हो रहा है।
स्थानीय लोगों की माने तो बाढ़खंड के बचाव के लिए जिला प्रशासन को शासन से करोड़ों का बजट आता है लेकिन कागजों में बाढ़खंड का राहत बचाव कार्य पूरा दिखाकर खेल कर दिया जाता है। वहीं जब अधिकारियों से इस बरे में बात की गई तो वो अपना पल्ला झाड़ते नजर आते है।
जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि राहुल नगर गांव में शारादा नदी ने मार्ग परिवर्तन किया था। नदी की धारा में हुए परिवर्तन की वजह से कटान कीसमस्या हुई है । जिला प्रशासन द्वारा राहत बचाव कार्य किया जा रहा है और वर्तमान में सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।