प्रयागराज। शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर आज शक्तिपीठों और देवी मंदिरों में महागौरी स्वरुप में देवी मां का आकर्षक श्रृंगार किया गया. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक महागौरी स्वरूप में देवी मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. संगम नगरी प्रयागराज के देवी मंदिरों में आज अष्टमी के मौके पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. शक्तिपीठ अलोप शंकरी मंदिर में तो श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ी हुई है कि तिल रखने तक की जगह नहीं बची है.


हालांकि मंदिर प्रशासन और पुलिस ने कोविड गाइडलाइन का पालन कराने के पुख्ता इंतजाम किये हैं. मातारानी के जल्द दर्शन की व्याकुलता कई बार इसे तोड़ भी दे रही है. कोरोना की वजह से इस शक्तिपीठ का गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है. श्रद्धालु बाहर से ही देवी मां के पालने का दर्शन कर उसकी पूजा अर्चना कर रहे हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालु कोरोना की महामारी खत्म होने के लिए विशेष प्रार्थना और अनुष्ठान कर रहे हैं.


प्रयागराज की शक्तिपीठ अलोप शंकरी एक ऐसा मंदिर है, जहां कोई मूर्ति नहीं है. श्रद्धालु एक पालने की पूजा करते हैं. स्कंद पुराण के मुताबिक शिवप्रिया सती के दाहिने हाथ की छोटी उंगली इसी जगह गिरकर अलोप यानी अदृश्य हो गई थी. इस शक्तिपीठ समेत प्रयागराज के सभी देवी मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख़ास ध्यान रखा जा रहा है. मंदिरों में सिर्फ मास्क पहने हुए श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं और मंदिर परिसर को सेनेटाइज़ करने के ख़ास इंतजाम किये गए हैं.


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