लखनऊ, आईएएनएस। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात आयोजित कराने को लेकर मौलाना साद पर हमला बोला है। रिजवी ने साद पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। रिजवी ने गुरुवार को कहा कि तब्लीगी जमात ने देश में मस्जिदों से मौत बांटने का काम किया है। ऐसे में जमात या फिर इनके कारण किसी दूसरे की मौत होने पर उसका दोषी मौलाना मोहम्मद साद को मानते हुए उन्हें मृत्युदंड से कम सजा न दी जाए।


वसीम रिजवी ने कहा, "अल्लाह की इबादत करना अच्छी बात है, लेकिन अल्लाह कभी अपने बंदों पर जुल्म नहीं करता। असल में, कुछ इंसानों की गलतियों का खामियाजा दुनियाभर के इंसानों को झेलना पड़ रहा है।"


शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि वहाबी जमातियों को देखकर ऐसा लगता है कि उनका अल्लाह कोई और है, क्योंकि वे कहते हैं कि यह महामारी अल्लाह ने दी है और बंदों को इसके लिए अल्लाह से तौबा करनी चाहिए।


उन्होंने कहा कि अगर जमात में शामिल लोगों की वजह से कोरोना वायरस तेजी से फैलता है और किसी की भी मौत उस संक्रमण से होती है तो निजामुद्दीन मरकज के मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।


आपको बता दें कि तब्लीगी जमात की शुरुआत शामली के कस्बा कांधला से हुई थी। बताया जाता है कि तब्लीगी जमात की शुरुआत मरकज के मौलाना मोहम्मद शाद के पिता इलियास कांधलावी ने साल 1906 में कांधला से की थी जो कि शुरुआती दौर में कांधला में ही रहकर अपने धर्म के लोगों को एकत्रित कर धर्म का प्रचार किया करते थे।