बाराबंकी, एबीपी गंगा। बाराबंकी में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना कल्बे जव्वाद ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। जव्वाद ने अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा कि देश के मुसलमानों का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और सपा हुकूमत ने ही किया गया है।


बाराबंकी में शिया धर्म गुरु व मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना कल्बे जव्वाद ने अयोध्या फैसला आने पर देश मे सभी लोगों से शांति की अपील की है। निजी कार्यक्रम के दौरान बाराबंकी पहुंचे शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने बीजेपी सरकार को मुसलमानों का हितैषी बताया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुसलमानों का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस के समय में दंगे-फसाद हुए और इस सरकार में मुस्लिम अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है।


मौलाना जव्वाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर का जो भी फैसला आये वो हम सब को मानना चाहिए। यही हमारे मुल्क के लिए बेहतर, हमारे हिंदुस्तान के लिए भी बेहतर है। इस झगड़े को हमेशा के लिए खत्म करवा दिया जाए वरना यह सियासी लोग यह पॉलीटिशियन खुदगर्ज लोग हमेशा इसको भुनाते रहेंगे और हमेशा हिंदू- मुसलमानों को दबाते रहेंगे लिहाजा हम तो समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मसले को इस झगड़े दफन कर दे हमेशा के लिए कोई भी फैसला करदे, मुसलमानों को मंजूर होगा हम लोग सब मानेंगे ।


कश्मीर में धारा 370 हटाये जाने के फैसले पर मौलाना कल्बे जव्बाद ने कहा कि यह धारा वहां की तरक्की को ध्यान में रख कर लगाई गई थी। मगर वहां तरक्की तो हुई नहीं उल्टा वहां से भारत से अलग होने की धमकी दी जाने लगी और भारत विरोधी काम को अंजाम दिया जाने लगा। इसलिए इस धारा को हटाने के केन्द्र सरकार के फैसले को वह उचित मानते हैं।


मौलाना कल्बे जव्वाद ने मजाकिया लहजे में कहा कि हमारे मोहल्ले में भी काफी दिनों से धारा 370 लगी है वहां भी उनका मकान नहीं बिक रहा है क्योंकि वह उसे बेच नहीं रहे, अगर कोई अपनी जमीन, मकान को बेचेगा नहीं तो कोई कैसे खरीद लेगा। प्रदेश में भी आतंकवादियो की आहट और उनके पकड़े जाने पर मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि एक दो आदमी हिन्दुस्तान का कुछ नहीं बिगाड़ सकते।


वही एनआरसी मामले पर मौलाना जव्वाद ने कहा कि एनआरसी से हमें कोई एतराज नहीं मुसलमान अगर बाहर से आया है तो उसको भेज दिया जाए हिंदू अगर बाहर से आया है तो उसको बाहर भेज दिया जाए। ईसाई अगर बाहर से आया है तो उसको भेज दिया जाए कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।