Shia Waqf Board Chairman: शिया वक्फ़ बोर्ड से वसीम रिज़वी का वर्चस्व खत्म, अली ज़ैदी बने नए चेयरमैन
Shia Waqf Board Chairman: यूपी शिया वक्फ़ बोर्ड में 15 साल से काबिज़ वसीम रिज़वी का वर्चस्व आखिरकार आज खत्म हो गया. बोर्ड के चुनाव में अली ज़ैदी को नया चेयरमैन चुना गया है.
![Shia Waqf Board Chairman: शिया वक्फ़ बोर्ड से वसीम रिज़वी का वर्चस्व खत्म, अली ज़ैदी बने नए चेयरमैन Shia Waqf Board Ali Zaidi became new chairman Waseem Rizvi dominance ends ANN Shia Waqf Board Chairman: शिया वक्फ़ बोर्ड से वसीम रिज़वी का वर्चस्व खत्म, अली ज़ैदी बने नए चेयरमैन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/15/61bacd72ff603b2a550fa1bdc2abb4dc_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Shia Waqf Board Chairman: यूपी शिया वक्फ़ बोर्ड में 15 साल से काबिज़ वसीम रिज़वी का वर्चस्व आखिरकार आज खत्म हो गया. बोर्ड के चुनाव में अली ज़ैदी को नया चेयरमैन चुना गया है. शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद और मोहसिन रज़ा के नजदीकी ज़ैदी प्रदेश सरकार की तरफ से बोर्ड के नामित सदस्य थे. चेयरमैन बनते ही ज़ैदी ने बोर्ड से भ्रष्टाचार मिटाने, वक्फ़ माफिया और लैंड माफिया से बोर्ड की जमीन छुड़ाने और बोर्ड की ज़मीनों व आमदनी के लाभ लोगों तक पहुंचाने का वादा किया.
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड लंबे समय से घोटालों, अनियमितताओं और विवादों को लेकर चर्चा में रहा है. पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी पर बोर्ड की संपत्तियां अवैध रूप से बेचने का भी आरोप है जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. वसीम रिज़वी करीब 15 साल शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे. हालांकि, बोर्ड का चुनाव डेढ़ साल से नहीं हुआ था और लगातार इसकी मांग भी उठ रही थी. आज हुए बोर्ड के चुनाव में अली जैदी को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया. चुनाव 8 सदस्यों में होना था जिसमें से वसीम रिज़वी और सैयद फैज़ी ने चुनाव का बहिष्कार किया. बाकी के 6 सदस्यों ने ज़ैदी को वोट देकर निर्विरोध जिताया.
वसीम रिज़वी को लगा करारा झटका
वसीम रिज़वी को इस चुनाव में करारा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी, वसीम के लिए चेयरमैन पद पर बने रहना बड़ा आसान था लेकिन भाजपा सरकार के आते ही उनकी मुश्किलें शुरू हो गईं. हालांकि, उन्हें भारतीय जनता पार्टी का करीबी माना जाता था लेकिन बीते कुछ महीनों में कुरान और पैगंबर हजरत मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणियों की वजह से मुस्लिम समाज उनसे खासा नाराज था. यही वजह थी कि वसीम रिज़वी का कोई समर्थन नहीं कर रहा था और वह अलग- थलग पड़ गए. यही वजह थी कि उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
अली ज़ैदी ने जीत के बाद किया ये वादा
उधर, अली ज़ैदी ने जीत के बाद वक्फ़ बोर्ड में भ्रष्टाचार दूर करने, वक्फ़ माफिया और लैंड माफिया से बोर्ड की जमीनें छुड़ाने और लोगों को बोर्ड की जमीनों और आमदनियों के फायदे दिलाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि बोर्ड के सारे सदस्य एकमत हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ डटकर लड़ने के लिए तैयार हैं. ज़ैदी ने कहा कि बोर्ड एक्ट के हिसाब से नहीं चल रहा था. जिनके हक छीने गए, उन्हें हक वापस दिलाये जाएंगे. अच्छे लोगों को बोर्ड में लाया जाएगा और नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार का पूरा सपोर्ट है. भ्रष्टाचारी कितने ही ताकतवर क्यों न हों, उनको बख्शा नहीं जाएगा. हम जल्द रिजल्ट देंगे और अपना रिपोर्ट कार्ड रखेंगे कि कितने कम समय में हमने क्या हासिल किया.
वसीम बोले, बोर्ड पर अफगानिस्तान की तरह तालिबान का कब्ज़ा
बोर्ड के चुनाव पर वसीम रिज़वी ने करारी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ़ बोर्ड पर अफगानिस्तान की तरह तालिबान का कब्जा हो चुका है. ईरानी एजेंट कल्बे जव्वाद का दामाद बोर्ड का अध्यक्ष चुना जा चुका है जिन्हें हुकूमत द्वारा नामित किया था और नामित सदस्यों ने ही उन्हें अध्यक्ष बना लिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले का हम इंतजार करेंगे. वसीम ने अपने बयान में कहा कि वह और सैयद फैजी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के निर्वाचित सदस्य हैं. दोनों ने नामित किए गए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों के विरोध में माननीय उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया है. लेकिन मुस्लिम अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग ने उच्च न्यायालय में दाखिल वाद को अनदेखा करते हुए जल्दबाजी में नामित सदस्यों में से ही एक सदस्य को अध्यक्ष चुन लिया है. यह उत्तर प्रदेश में मुल्लों का शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर अल्पसंख्यक विभाग की मिलीभगत से जबरन कब्जा है. उनका कहना है कि वक्फ़ अधिनियम में स्पष्ट लिखा है कि वक्फ़ बोर्ड में निर्वाचित सदस्यों की संख्या नामित सदस्यों से ज्यादा होगी लेकिन बोर्ड में अध्यक्ष पद के चुनाव में सरकार द्वारा नामित किए गए सदस्यों की संख्या 5 है और निर्वाचित सदस्य मात्र 3 हैं.
ये भी पढ़ें :-
Madhya Pradesh News: आज आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करेंगे पीएम, इन सुविधाओं का करेंगे लोकार्पण
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)