लखनऊ. नई शिक्षा नीति को लेकर एबीपी गंगा के मंच पर उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय और एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जेएस राजपूत भी शामिल हुए. शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने कहा कि लॉर्ड मैकाले की नीति शिक्षा यह थी की लोग पढ़कर रटने वाले बनें और ज्यादा से ज्यादा पढ़ लिखकर मात्र एक बाबू पन पाए. ऐसी शिक्षा को हटाकर अपने हिंदुस्तान की संस्कृति से हम जोड़ने जा रहे हैं. इस नई शिक्षा नीति में हम 6वीं कक्षा के बच्चों को भी स्किल्ड बनाएंगे. इससे बच्चे बेरोजगार नहीं बनेंगे. उन्होंने कहा कि इसमें जीडीपी का 6 फीसदी पैसा लगेगा. आने वाले सालों में हम 5 खरब डॉलर का हम बजट बनाएंगे. नई शिक्षा नीति आने के पश्चात देश की सोच में बदलाव आएगा.


"युवाओं को भरोसा बनाता है आत्मनिर्भर"
वहीं, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जेएस राजपूत ने कहा कि जब देश के युवा खुद पर भरोसा करतें है. जब उन्हें लगता है कि वे एक बड़ी ऐतिहासिक परंपरा के उत्तराधिकारी है, तब वे आत्मनिर्भर बनते हैं. मैकाले की आलोचना मैं पहले करता था, लेकिन अब नहीं.
उन्होंने कहा, "मैकाले की योजना अदभुत थी. अंग्रेजों के जाने के इतने सालों के बाद भी हम उससे मुक्त नहीं हो पाए थे. हम अपनी शिक्षा व्यवस्था की जड़ों को मजबूत नही कर पाए. मैकाले का एक ही उद्देश्य था कि अगर भारत पर आधिपत्य बनाए रखना है तो भारतीयों को भारत से अलग कर दो. उन्होंने ये ही काम किया. हमें नकल करने वाली कौम के रूप में विकसित कर दिया. हम भारत को भूल गए, अपने गांव को भूल गए. हाथ से काम करना भूल गए. ये सारे तत्व शिक्षा नीति में आते हैं."

नई शिक्षा नीते से कई राज्यों को फायदा: अरविंद पाण्डेय
अरविंद पाण्डेय ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति में कई राज्यों को फायदा होगा. खासकर उत्तराखड के राजकीय स्कूलों में कक्षा 1 से पढ़ाया जाता थे, जबकि प्राइवेट में एलकेजी या नर्सरी से शुरुआत होती थी, जिस वजह से हम पीछे छूट जाते थे. नई शिक्षा नीति में जो 5+3+ 3+4 से आमूल-चूल परिवर्तन आने वाला है. ये छोटा बदलाव नहीं है. इससे छात्र दिशाहीन होने से बचेंगे. उत्तराखंड सरकार इस नीति पर जरूर अमल करेगी.