अयोध्या में उद्धव ठाकरे, जानिए-क्यों सियासी मायनों में अहम होगी ये यात्रा
महाराष्ट्र में अपनी सरकार के 100 दिन सत्ता में पूरे होने पर शिवसेना प्रमुख और प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे। संजय राउत ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। उद्धव की अयोध्या यात्रा के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
अयोध्या, एबीपी गंगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेनाव प्रमुख उद्धव ठाकरे एक बार फिर से अयोध्या जाने की तैयारी में हैं। अपनी सरकार के 100 दिन सत्ता में पूरे होने के उपलक्ष्य में उद्धव मार्च महीने में अयोध्या में यात्रा पर जाएंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय राउत ने ट्वीटकर इसकी जानकारी दी है। पिछले साल अक्टूबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद शिवसेना ने बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया था। जिसके बाद कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई। बीजेपी से दूरी बनाने के बाद उद्धव का ये पहला अयोध्या दौरा होगा। ऐसे में सबकी निगाहें उनकी इस यात्रा पर टिकीं हुई हैं, क्योंकि अयोध्या हमेशा से ही भगवा राजनीति का केंद्र रहा है।
बता दें कि उद्धव इससे पहले 24 नवबंर, 2019 को अयोध्या जाने वाले थे, लेकिन महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रही उठापटक के चलते उन्होंने अपनी ये यात्रा टाल दी थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ राज्य में वैल्पिक सरकार गठन का मुद्दा सुलझा लेने के बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस से मिलकर गठबंधन सरकार बनाई और 28 नवंबर 2019 को उद्धव ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
उद्धव की अयोध्या यात्रा पर ट्वीट कर राउत ने लिखा, ' भगवान राम के आशीर्वाद से सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए काम कर रही है। सत्ता में 100 दिन पूरे होने के अवसर पर भगवान राम का आशीर्वाद लेने और अपनी भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे।' गौरतलब है कि इससे पहले आखिरी बार उद्धव जून 2019 में पार्टी के नवनिर्वाचित 19 सांसदों के साथ अयोध्या गए थे और रामलला के दर्शन कर जा अर्चना की थी।
बता दें कि उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बीजेपी ने भी उनके अयोध्या जाने पर चुटकी लेने का भी मौका नहीं छोड़ा। बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि वो तो ढाई महीने पहले ही अयोध्या जाने वाले थे, लेकिन अब वो वहां इसलिए जा रहे हैं क्योंकि शिवसेना की बदनामी हो रही है कि सत्ता के मोह में उसने हिंदुत्व छोड़ दिया। दरअसल, शिवसेना की राजनीति में हमेशा से हिंदुत्व के इर्द-गिर्द घूमती रही है। इधर बीजेपी से शिवसेना का दामन छूटा और उधर हिंदुत्व के मुद्दे पर राज ठाकरे ने भी मौके पर चौका मारने का काम किया। दरअसल, गुरुवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी पार्टी का नया झंडा लांच किया है। इस नए झंडे को पूरी तरह से भगवा रंग से रंगा गया है। झंडे के बीच में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा लगी हुई है और नीचे बड़े-बड़े अक्षरों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना लिखा गया है।
उधर, मनसे ने भी शिवसेना पर सत्ता के लिए हिंदुत्व को भूलाकर धर्म निरपेक्ष होने का आरोप लगाया है। ऐसे में शिवसेना की बदली भूमिका से हिंदुत्व विचारधारा वाले वोटर व पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी छोड़ राज ठाकरे का दामन थाम सकते हैं। जिस प्रकार से पार्टी के नए झंडे के लांच के दौरान मनसे कार्यकर्ता भगवा टोपी लगाए नजर आए, उससे ये भी स्पष्ट हो रहा है कि राज ठाकरे में हिंदुत्व की राजनीति की दिशा अपना रहे हैं। ऐसे में उद्धव का अचानक फिर से अयोध्या जाने के फैसले के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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